विशाखापत्तनम:
दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 'फिनिशरों' में शुमार महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स को आज किंग्स इलेवन पंजाब पर चार विकेट से रोमांचक जीत दिलाई और अपनी टीम को आईपीएल के नौवें सत्र में आखिरी स्थान पर रहने से भी बचाया।
पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में सात विकेट पर 172 रन बनाए। जवाब में पुणे ने आखिरी गेंद पर धोनी के चमत्कारिक छक्के की बदौलत छह विकेट पर 173 रन बना डाले। एक समय उसकी हार तय लग रही थी जब उसे आखिरी ओवर में 23 रन की जरूरत थी। अक्षर पटेल की पहली गेंद पर कोई रन नहीं बना, जबकि अगली गेंद वाइड रही। इसके बाद धोनी ने शानदार छक्का जड़ा, लेकिन अगली गेंद पर डीप कवर में हाशिम अमला ने शर्तिया चौका रोका। इस गेंद पर धोनी और रविचंद्रन अश्विन ने कोई रन नहीं लिया।
अगली दो गेंद पर धोनी ने एक चौका और एक छक्का लगाया, लेकिन इसके बाद भी आखिरी गेंद पर उनकी टीम को छह रन की जरूरत थी। पटेल की फुललैंग्थ गेंद पर धोनी ने मिडविकेट के ऊपर छक्का लगाकर साबित कर दिया कि उनकी गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशरों में क्यों होती है और उनका बोरिया-बिस्तर बंधवा चुके आलोचकों को भी जवाब दे दिया। इस जीत के बाद आईपीएल की दो नई टीमों में शामिल पुणे आखिरी स्थान पर रहने से बच गई। उसने 14 मैचों में पांच जीत और नौ हार के साथ 10 अंक लेकर सातवां स्थान हासिल किया, जबकि पंजाब 14 मैचों में आठ अंक लेकर सबसे नीचे रही। आईपीएल के इतिहास में पहली बार है जब धोनी की अगुवाई वाली टीम टूर्नामेंट में प्लेआफ से पहले बाहर हुई है।
पंजाब की शुरूआत धीमी लेकिन ठोस रही और हाशिम अमला (30) तथा मुरली विजय (59) ने पहले विकेट के लिए 60 रन जोड़े। पुणे के लिए चार विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने अमला को पवेलियन भेजकर इस साझेदारी को तोड़ा, जिनका कैच जार्ज बेली ने लपका। स्कोर में पांच रन जुड़े थे कि विकेटकीपर रिधिमान साहा (3) को दूसरे स्पिनर एडम जाम्पा ने आउट किया। इसके बाद विजय और गुरकीरत सिंह ने 58 रन की साझेदारी करके टीम को अच्छे स्कोर की राह पर लौटाया। विजय ने 41 गेंद में चार चौकों और तीन छक्कों की मदद से 59 रन बनाए, जबकि गुरकीरत ने 30 गेंद में 51 रन बनाए, जिसमें तीन छक्के और तीन चौके शामिल थे।
विजय को 16वें ओवर में अश्विन ने बोल्ड किया, जबकि गुरकीरत 18वें ओवर में उनका अगला शिकार बने। इससे पंजाब की रनगति पर अंकुश लग गया और एक समय 200 रन की ओर बढ़ती दिख रही टीम सात विकेट पर 172 रन ही बना सकी। पुछल्ले बल्लेबाज कोई कमाल नहीं कर पाए। जवाब में पुणे की शुरूआत अच्छी नहीं रही और 14वें ओवर में उसकी आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी जब स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 86 रन टंगे थे।
अजिंक्य रहाणे (19) और उस्मान ख्वाजा (30) अच्छी शुरूआत देने में नाकाम रहे। जार्ज बेली सिर्फ नौ रन बनाकर आउट हो गए, जबकि सौरभ तिवारी ने 17 रन बनाए। इरफान पठान भी टिक नहीं सके और दो रन बनाकर अपना विकेट गंवा बैठे। इसके बाद धोनी और तिसारा परेरा ने छठे विकेट के लिए 58 रन की साझेदारी की। परेरा ने 14 गेंद में दो चौकों और एक छक्के के साथ 23 रन बनाए।
पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में सात विकेट पर 172 रन बनाए। जवाब में पुणे ने आखिरी गेंद पर धोनी के चमत्कारिक छक्के की बदौलत छह विकेट पर 173 रन बना डाले। एक समय उसकी हार तय लग रही थी जब उसे आखिरी ओवर में 23 रन की जरूरत थी। अक्षर पटेल की पहली गेंद पर कोई रन नहीं बना, जबकि अगली गेंद वाइड रही। इसके बाद धोनी ने शानदार छक्का जड़ा, लेकिन अगली गेंद पर डीप कवर में हाशिम अमला ने शर्तिया चौका रोका। इस गेंद पर धोनी और रविचंद्रन अश्विन ने कोई रन नहीं लिया।
अगली दो गेंद पर धोनी ने एक चौका और एक छक्का लगाया, लेकिन इसके बाद भी आखिरी गेंद पर उनकी टीम को छह रन की जरूरत थी। पटेल की फुललैंग्थ गेंद पर धोनी ने मिडविकेट के ऊपर छक्का लगाकर साबित कर दिया कि उनकी गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मैच फिनिशरों में क्यों होती है और उनका बोरिया-बिस्तर बंधवा चुके आलोचकों को भी जवाब दे दिया। इस जीत के बाद आईपीएल की दो नई टीमों में शामिल पुणे आखिरी स्थान पर रहने से बच गई। उसने 14 मैचों में पांच जीत और नौ हार के साथ 10 अंक लेकर सातवां स्थान हासिल किया, जबकि पंजाब 14 मैचों में आठ अंक लेकर सबसे नीचे रही। आईपीएल के इतिहास में पहली बार है जब धोनी की अगुवाई वाली टीम टूर्नामेंट में प्लेआफ से पहले बाहर हुई है।
पंजाब की शुरूआत धीमी लेकिन ठोस रही और हाशिम अमला (30) तथा मुरली विजय (59) ने पहले विकेट के लिए 60 रन जोड़े। पुणे के लिए चार विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने अमला को पवेलियन भेजकर इस साझेदारी को तोड़ा, जिनका कैच जार्ज बेली ने लपका। स्कोर में पांच रन जुड़े थे कि विकेटकीपर रिधिमान साहा (3) को दूसरे स्पिनर एडम जाम्पा ने आउट किया। इसके बाद विजय और गुरकीरत सिंह ने 58 रन की साझेदारी करके टीम को अच्छे स्कोर की राह पर लौटाया। विजय ने 41 गेंद में चार चौकों और तीन छक्कों की मदद से 59 रन बनाए, जबकि गुरकीरत ने 30 गेंद में 51 रन बनाए, जिसमें तीन छक्के और तीन चौके शामिल थे।
विजय को 16वें ओवर में अश्विन ने बोल्ड किया, जबकि गुरकीरत 18वें ओवर में उनका अगला शिकार बने। इससे पंजाब की रनगति पर अंकुश लग गया और एक समय 200 रन की ओर बढ़ती दिख रही टीम सात विकेट पर 172 रन ही बना सकी। पुछल्ले बल्लेबाज कोई कमाल नहीं कर पाए। जवाब में पुणे की शुरूआत अच्छी नहीं रही और 14वें ओवर में उसकी आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी जब स्कोर बोर्ड पर सिर्फ 86 रन टंगे थे।
अजिंक्य रहाणे (19) और उस्मान ख्वाजा (30) अच्छी शुरूआत देने में नाकाम रहे। जार्ज बेली सिर्फ नौ रन बनाकर आउट हो गए, जबकि सौरभ तिवारी ने 17 रन बनाए। इरफान पठान भी टिक नहीं सके और दो रन बनाकर अपना विकेट गंवा बैठे। इसके बाद धोनी और तिसारा परेरा ने छठे विकेट के लिए 58 रन की साझेदारी की। परेरा ने 14 गेंद में दो चौकों और एक छक्के के साथ 23 रन बनाए।
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