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This Article is From May 15, 2017

IPL : टीम इंडिया की 'दीवार' रहे राहुल द्रविड़ इसलिए डूब गए हैं निराशा में...

टीम इंडिया के लिए कई मैचों में 'दीवार' साबित हुए पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ इन दिनों निराश हैं. अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के कोच के रूप में कई सफलताएं दिला चुके द्रविड़ का जादू पिछले डेढ़ महीनों के दौरान बिल्कुल भी नहीं चला.

IPL : टीम इंडिया की 'दीवार' रहे राहुल द्रविड़ इसलिए डूब गए हैं निराशा में...
IPL 2017 : राहुल द्रविड़ ने निराशा जाहिर करने के बीच कुछ क्रिकेटरों की सराहना भी की (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: टीम इंडिया के लिए कई मैचों में 'दीवार' साबित हुए पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ इन दिनों निराश हैं. अंडर-19 और इंडिया-ए टीम के कोच के रूप में कई सफलताएं दिला चुके द्रविड़ का जादू पिछले डेढ़ महीनों के दौरान बिल्कुल भी नहीं चला. IPL 10 में द्रविड़ ने दिल्ली डेयरडेविल्स टीम को गाइड किया, लेकिन टीम का प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं रहा. वास्तव में द्रविड़ इसलिए नहीं निराश हैं कि टीम प्लेऑफ में नहीं पहुंची. उनकी निराशा का कारण तो कुछ और ही है. आइए जानते हैं कि द्रविड़ क्यों इतने निराश हैं...

दिल्ली डेयरडेविल्स के मेंटर राहुल द्रविड़ ने कहा कि वह बेहद निराश हैं. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह प्लेऑफ में पहुंचने में नाकाम रहने के कारण नहीं, बल्कि अन्य कारण से ही दुखी हैं.

राहुल द्रविड़ के अनुसार टीम ने खेल तो अच्छा दिखाया, लेकिन अंतिम समय पर बिखर गई. द्रविड़ ने कहा कि ऐसा एक नहीं बल्कि आठ मैचों में हुआ और उनकी टीम इनमें से केवल दो मौकों पर ही सफल हुई. मतलब उसने कई करीबी मैच हाथ से जाने दिए.

द्रविड़ ने मैच के बाद कहा, ‘हम निराश हैं. इस सत्र में हम उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए. कई मैच करीबी थे जिन्हें हम जीतने में नाकाम रहे और हमारे ऊपर दबाव आ गया. हमारे आठ मैच करीबी थे जिसमें से हम केवल दो में जीत दर्ज कर पाए. पांच से छह मैच हम जीत की स्थिति में होने के बावजूद हार गए.’

हालांकि राहुल द्रविड़ ने टीम की सराहना भी की और कहा कि पिछले दो साल में टीम के प्रदर्शन में सुधार भी हुआ है, लेकिन वह बार-बार निराशा के हावी होने की बात करते रहे. वास्तव में उन्हें टीम से अधिक उम्मीदें थीं, लेकिन वह पूरी नहीं हुईं.

द्रविड़ ने कहा, ‘पिछले दो साल में हमारे प्रदर्शन में सुधार हुआ है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. हमें करीबी मैचों में हार का नुकसान उठाना पड़ा. इस टूर्नामेंट के प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए आठ जीत की जरूरत होती है. पिछले साल हमने सात मैच जीते जबकि इस साल छह मैच जीतने में सफल रहे. हम निराश हैं कि उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए.’

उन्होंने कहा, ‘इस तरह के प्रतिस्पर्धी टूर्नामेंट में करीबी मैच जीतना महत्वपूर्ण होता है. अगर हम तीन और मैच जीत लेते तो बेहतर रहता.’

दिल्ली डेयरडेविल्स लीग की शुरुआत में चोट से भी परेशान रही. उसको चोटों का खामियाजा भी भुगतना पड़ा. इससे कप्तान जहीर खान पूरे टूर्नामेंट के दौरान टीम संयोजन तलाशते रहे.

पूर्व भारतीय कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज द्रविड़ ने कहा, ‘हमें खिलाड़ियों की चोटों से भी नुकसान हुआ, लेकिन यह किसी के हाथ में नहीं हैं. क्विंटन डी कॉक और जेपी डुमिनी चोटों के कारण टूर्नामेंट के लिए ही नहीं आ पाए. श्रेयस अय्यर चिकनपॉक्स के कारण शुरुआती मैचों से बाहर हो गए. कोरी एंडरसन भी चोटिल था जबकि जहीर भी टूर्नामेंट के बीच में चोटिल हो गए. क्रिस मौरिस टूर्नामेंट के अंतिम चरण में चोट के कारण नहीं खेल पाए.’
(इनपुट भाषा से भी)

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