विज्ञापन
This Article is From Jan 03, 2016

भारत की पारंपरिक शिक्षा पद्धति की नकल है 'इंग्लैंड का काउंटी एजुकेशन सिस्टम' : भागवत

भारत की पारंपरिक शिक्षा पद्धति की नकल है 'इंग्लैंड का काउंटी एजुकेशन सिस्टम' : भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (फाइल फोटो)
इंदौर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि अंग्रेजों ने भारत की पारंपरिक शिक्षा पद्धति की नकल कर इंग्लैंड में काउंटी एजुकेशन सिस्टम पेश किया, जबकि उन्होंने भारत पर ऐसी शिक्षा प्रणाली थोप दी, जिससे लोगों को मानसिक रूप से पंगु बनाया जा सके।

भागवत ने इंदौर में 'विश्व संघ शिविर' के समापन समारोह में कहा, 'अंग्रेजों ने भारत की पारंपरिक शिक्षा पद्धति को नष्ट कर दिया। लेकिन इसी शिक्षा पद्धति को वे अपने साथ इंग्लैंड ले गए। उन्होंने भारतीय शिक्षा पद्धति को अपना जामा पहनाकर इंग्लैंड में काउंटी एजुकेशन सिस्टम के रूप में पेश किया।'

संघ प्रमुख ने कहा, 'जब अंग्रेजों ने भारत को गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा, तब हमारे देश में 70 प्रतिशत लोग शिक्षित थे जबकि इंग्लैंड में साक्षरता की दर केवल 17 प्रतिशत थी। काउंटी एजुकेशन सिस्टम से इंग्लैंड में 70 प्रतिशत लोग साक्षर हो गए, जबकि अंग्रेजों की थोपी शिक्षा पद्धति से भारतीय नागारिक शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ गए।'

भागवत ने कहा, 'अंग्रेजों की मंशा थी कि अगर उन्हें भारतीयों को हमेशा गुलाम बनाए रखना है, तो भारत की अच्छी बातों को समाप्त करना जरूरी है। लिहाजा वे मानते थे कि भारतीयों को उस शिक्षा पद्धति से पढ़ाया जाना जरूरी है, जिससे उनका स्वाभिमान खत्म हो जाए और भारतीय नागरिक मानसिक रूप से पंगु बन जाएं।'

उन्होंने यह भी कहा कि दो अलग-अलग मतों के आपसी संघर्ष के कारण दुनिया कई समस्याओं से जूझ रही है। धर्म के मूल में निहित बंधुता और मानवता ही इस बुरी स्थिति से दुनिया को उबार सकती है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने कार्यक्रम में कहा कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों और कृषि के विकास के लिए विज्ञान और तकनीकी का अधिकाधिक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

उन्होंने देश में चिकित्सा के लगातार महंगे होते जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाएं ऐसी होनी चाहिए, जिससे हर वर्ग के लोग इनका खर्च वहन कर सकें।

मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी में 'विश्व संघ शिविर' 29 दिसंबर से शुरू हुआ था। इसमें 45 देशों के करीब 700 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन का प्रमुख आयोजक 'हिंदू स्वयंसेवक संघ' था, जो विदेशों में अलग-अलग सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां चलाता है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
मोहन भागवत, इंदौर, इंग्लैंड, अंग्रेज, काउंटी एजुकेशन सिस्टम, Britain, Indian Education System, RSS Chief, Mohan Bhagwat, England, India, Indore, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com