भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने शुक्रवार को कहा कि भारत बड़ी शक्ति और ‘ग्लोबल साउथ' की आवाज होने के नाते पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष को कम करने में ‘सक्रिय भूमिका' निभा सकता है. इलाही ने ‘पीटीआई वीडियो' को दिए एक विशेष साक्षात्कार के दौरान इजराइल-हिजबुल्ला संघर्ष और इजराइल-हमास संघर्ष के बारे में बात करते हुए यह टिप्पणी की.
ईरान के राजदूत ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता की आवश्यकता है. हम (ईरान) एक शक्तिशाली देश के बजाय एक शक्तिशाली क्षेत्र चाहते हैं. किसी देश के विकास के लिए शांति और स्थिरता सबसे पहली शर्त है...'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन फिलिस्तीन में जो हो रहा है, उसके प्रति हम बेरुखी नहीं दिखा सकते... हम फिलिस्तीन में लोगों के मारे जाने की घटनाओं को नजरअंदाज या उपेक्षा नहीं कर सकते.''
राजदूत ने भारत के साथ संबंधों पर कहा कि भारत ईरान और इजरायल दोनों का घनिष्ठ मित्र है. इलाही ने कहा, “लेकिन हमारे रिश्ते 2,000 साल पुराने हैं, जबकि भारत और इजरायल के रिश्ते इतने पुराने नहीं हैं. एक बड़ी शक्ति और ग्लोबल साउथ की आवाज होने के नाते भारत इस क्षेत्र में तनाव कम करने में सक्रिय भूमिका निभा सकता है.'' उन्होंने कहा कि ईरान को उम्मीद है कि भारत तनाव कम करने के लिए अपने प्रभाव और क्षमताओं का इस्तेमाल करेगा.