फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो अपने एक विज्ञापन को लेकर विवादों में फंसते नजर आ रहा है. संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत स्थापित एक संवैधानिक निकाय, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जोमैटो के संस्थापक दीपिंदर गोयल को नोटिस जारी किया है. कंपनी पर एक जातिवादी विज्ञापन के जरिए दलित समुदाय को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है. अगर जोमैटो नोटिस का जवाब देने में विफल रहता है, तो एक समन जारी किया जाएगा. जोमैटो कंपनी को यह नोटिस 12 जून 2023 को जारी किया गया है.
हालांकि, जोमैटो के इस विवादित विज्ञापन का मुद्दा बीतों दिनों विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 8 जून को उठा था. तब जोमैटो ने इस विज्ञापन को हटा लिया था. तब जोमैटो ने सफाई दी थी, "विश्व पर्यावरण दिवस पर, हमारा इरादा हास्यपूर्ण तरीके से प्लास्टिक कचरे की क्षमता और रीसाइक्लिंग के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना था. इस विज्ञापन से कुछ समुदायों और व्यक्तियों की भावनाओं को ठेस पहुंची, लेकिन हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं था. हमसे ये अनजाने में हुआ. हमने वीडियो को हटा लिया है.
On world environment day, our intent was to spread awareness about the potential of plastic waste and benefits of recycling in a humorous way.
— zomato (@zomato) June 8, 2023
Unintentionally, we may have hurt the sentiments of certain communities and individuals. We have taken down the video.
जोमैटो ने विश्व पर्यावरण दिवस पर 'लगान' फिल्म के एक चरित्र 'कचरा' को लेकर विज्ञापन बनाया था. विज्ञापन में साल 2001 में आई आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'लगान' में 'कचरा' नाम के किरदार को दिखाया गया था, उसका नाम 'कचरा' होने पर पहले भी आपत्ति जताई गई थी. तब भी फिल्ममेकर्स को सफाई देनी पड़ी थी.
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