विज्ञापन
This Article is From Mar 05, 2015

भारत सरकार के निर्देश पर यूट्यूब ने हटाई बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी

भारत सरकार के निर्देश पर यूट्यूब ने हटाई बीबीसी की डॉक्यूमेंटरी
नई दिल्ली:

भारत सरकार के निर्देश पर यूट्यूब ने बीबीसी की इंडियाज डॉटर्स नाम की डॉक्यूमेंटरी हटा दी है। एक ब्रिटिश फिल्म मेकर लेज़्ली उडविन ने ये डॉक्यूमेंटरी बनाई है। इसे लेकर भारत में अभी बहस चल ही रही है कि उधर बीबीसी ने ये डॉक्यूमेंटरी दिखा भी दी। उधर, आज ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने बीबीसी को कानूनी नोटिस भेज दिया है।

इसे गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार अब बीबीसी के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "ये अच्छा नहीं हुआ, उन्हें ये फ़िल्म नहीं दिखानी चाहिए थी।"

बताया जा रहा है कि डॉक्यूमेंटरी इंडियाज़ डॉटर्स 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में हुए एक गैंगरेप और हत्या के पीछे की मानसिकता को दिखाने की कोशिश है। लेकिन, इस कोशिश में रेप के दोषियों और उसके वकीलों की आपत्तिजनक बातों को सार्वजनिक तौर पर दिखाने का विरोध हो रहा है। पीड़ित लड़की को निर्भया नाम दिया गया था।

हालांकि एनडीटीवी से बातचीत में उसके पिता की दुविधा साफ़ नज़र आई। उन्होंने कहा कि मैं देश से बढ़कर नहीं हूं, अगर सरकार ने फ़ैसला किया है तो सही ही होगा। हालांकि फ़िल्म में कुछ भी ग़लत नहीं है। फ़िल्म समाज को आइना दिखाती है। अगर जेल में दोषी ऐसी बात करता है तो बाहर आकर क्या करेगा? लेकिन अगर देश ने ऐसा फ़ैसला लिया है तो हमें देश के साथ रहना होगा। मुझे लगता है कि सभी को ये फ़िल्म देखनी चाहिए।

इस बीच फ़िल्म निर्माता लेज़्ली उडविन ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वो एक बार फ़िल्म को देखें और उसके बाद ही कोई फ़ैसला लें। एनडीटीवी से बात करते हुए उडविन ने कहा कि इस फ़िल्म को बनाने का मकसद भारत की छवि को ठेस पहुंचाना बिल्कुल नहीं था।

उन्होंने कहा कि इस फ़िल्म पर रोक से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सेंसरशिप पर सवाल उठेंगे। वैसे सोशल मीडिया में भी इस मुद्दे पर बहस गर्म है। लेखक चेतन भगत का कहना है कि पाबंदी भूल जाइए #IndiasDaughter को ज़रूर देखना चाहिए। जो भी देखेगा वो बीमार मानसिकता से होने वाले नुकसान को समझ पाएगा। इसका सामना कीजिए। इसे दुरुस्त कीजिए।

पत्रकार और कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग ने लिखा कि बचाव पक्ष के वकीलों का नज़रिया मध्ययुगीन है। इनके कोर्ट में वकालत करने पर पाबंदी लगा देनी चाहिए। फिल्मकार अनुराग बासु ने लिखा #IndiasDaughter पर पाबंदी लगाने की हमारी ये मानसिकता शुतुरमुर्ग जैसी है जो ये सोच कर रेत में सिर घुसा देता है कि कोई उसे देख नहीं रहा है।

इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद भारत में फिल्म को दिखाने पर पाबंदी लग गई है। बहरहाल जिस देश में हर बीस मीनट में रेप होते हों वहां का तंत्र महिलाओं का शोषण तो रोक नहीं पा रहा, लेकिन उस पर जो एक डॉक्यूमेंटरी बनी है उसे रोकने पर तुला है। और हैरानी की बात है जो तर्क दिए जा रहे हैं वो भी वही हैं जिन्हें हम महिला विरोधी कह सकते हैं।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
यूट्यूब, बीबीसी, 16 दिसंबर, गैंगरेप, बीबीसी डॉक्यूमेंट्री, भारत सरकार, Youtube, BBC, 16 December, Gangrape, BBC Documentary, Indian Government
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com