राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने बुधवार को कहा कि योग विश्व को ‘भारत की सभ्यतागत देन' है. आरएसएस ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ट्वीट कर कहा कि योग शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अनिवार्य रूप से समग्र जीवन पद्धति है. संघ ने कहा कि यह समस्त योग-प्रेमियों का कर्तव्य है कि वे दुनिया के कोने-कोने में योग का संदेश प्रसारित करें.
आरएसएस ने ट्वीट किया, "योग विश्व को भारतीय सभ्यता की देन है. ‘युज' धातु से बने योग शब्द का अर्थ है जोड़ना. योग केवल शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, महर्षि पतंजलि जैसे ऋषियों के अनुसार, यह शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा को जोड़ने की समग्र जीवन पद्धति है."
“Yoga is Bharat's civilizational contribution to the world. Derived from the root ‘Yuj' – meaning union and samadhi. Yoga is not limited to physical exercise but is essentially a holistic way of life leading to the union of body mind, intellect and soul as envisaged by sages like… pic.twitter.com/1Vr44CMng4
— RSS (@RSSorg) June 21, 2023
संघ ने कहा, "शास्त्रों में ‘योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:', ‘मन: प्रशमनोपाय: योग:' तथा ‘समत्वं योग उच्यते' आदि विविध प्रकार से योग की व्याख्या की गई है, जिसे अपनाकर व्यक्ति शांत एवं निरोग जीवन का अनुभव करता है."
आरएसएस ने कहा कि योग का अनुसरण कर संतुलित और प्रकृति से सुसंगत जीवन जीने का प्रयास करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है, जिनमें दुनिया की विभिन्न संस्कृतियों के सामान्य व्यक्ति से लेकर प्रसिद्ध व्यक्ति शामिल हैं. संघ ने कहा कि योग का विश्वभर में प्रसार करने के लिए अनेक संतों, योगाचार्यों और योग प्रशिक्षकों ने अपना योगदान दिया है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं