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केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कालिंदी कुंज से स्वच्छता का किया आह्वान, बोले- यह हमारी संस्कृति की आत्मा

यमुना नदी के तट पर जल शक्ति मंत्रालय के तत्वावधान में नमामि गंगे के तहत एक आयोजन किया गया. जिसमें केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि भारत में स्वच्छता केवल स्वास्थ्य या पर्यावरण का मामला नहीं है; यह हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है.

केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने कालिंदी कुंज से स्वच्छता का किया आह्वान, बोले- यह हमारी संस्कृति की आत्मा
यमुना सफाई कार्यक्रम में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल व अन्य.
  • दिल्ली के कालिंदी कुंज में यमुना नदी के तट पर स्वच्छता ही सेवा पहल के तहत जन जागरूकता कार्यक्रम किया गया.
  • केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर. पाटिल ने यमुना पुनरुद्धार को सांस्कृतिक आस्था और पर्यावरणीय चेतना का संगम बताया
  • जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया स्वच्छता ही सेवा अभियान जनचेतना को प्रेरित कर रहा है.
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नई दिल्ली:

दिल्ली में 'स्वच्छता ही सेवा' पहल के अंतर्गत कालिंदी कुंज स्थित यमुना नदी के तट पर 'एक दिन, एक घंटा, एक साथ' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री वी. सोमन्ना भी मौजूद थे. कार्यक्रम में केवल नदी पुनर्जीवन के प्रति जन जागरूकता को बढ़ाया बल्कि यमुना की सफाई के लिए सामूहिक भागीदारी के महत्व पर भी बल दिया. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सी.आर. पाटिल ने उनके जीवन के मूल सिद्धांतों - सेवा, सादगी और राष्ट्र के प्रति समर्पण - को आदरभाव के साथ याद किया.

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नदी संरक्षण का प्रयास प्रशासनिक दायित्व से कहीं आगे बढ़कर समाज का सामूहिक कर्तव्य बन गया है. पाटिल ने यमुना नदी के पुनरुद्धार को हमारी सांस्कृतिक आस्था और पर्यावरणीय चेतना का अनूठा संगम बताया.

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि महात्मा गांधी के "स्वतंत्रता" और "स्वच्छता" के सिद्धांत आज भी राष्ट्र का मार्गदर्शन और प्रेरणा देते हैं. अपने संबोधन में, उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए हमारी नदियों का पुनर्जीवन आवश्यक है.

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भारत में स्वच्छता केवल स्वास्थ्य या पर्यावरण का विषय नहीं है; यह हमारी सभ्यता और संस्कृति की आत्मा है. इसी दर्शन के आधार पर, जल शक्ति मंत्रालय ने "स्वच्छता ही सेवा" अभियान शुरू किया, जो अब एक शक्तिशाली राष्ट्रीय आंदोलन बन गया है और जनचेतना को जगाने का काम कर रहा है.

कार्यक्रम में बच्चों और युवाओं की उत्साहपूर्ण उपस्थिति ने कार्यक्रम में नई ऊर्जा का संचार किया. इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने नदी स्वच्छता का संदेश देने के लिए नृत्य और गायन कार्यक्रम प्रस्तुत किये और विभिन्न समूहों ने आकर्षक नुक्कड़ नाटक किए.

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गौरतलब है कि दिल्ली में यमुना नदी को फिर से स्वच्छ और जीवनदायिनी बनाने के लिए बहुआयामी प्रयास पहले से ही चल रहे हैं. 10 प्रमुख परियोजनाओं में से 9 पूरी हो चुकी हैं, जो इस मिशन की गति और गंभीरता को दर्शाता है. ओखला, कोंडली, रिठाला और कोरोनेशन पिलर स्थित अत्याधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट अब पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं. तकनीकी समाधानों के अलावा, नदी के किनारों की नियमित सफाई, जल पुनर्चक्रण की पहल और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस कदम भी उठाए जा रहे हैं. इन उपायों से न केवल प्रदूषण नियंत्रण में मदद मिली है, बल्कि यमुना की पवित्रता और स्वच्छता को बहाल करने की दिशा में एक स्थायी समाधान की नींव भी रखी गई है.

जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, एमसीडी, तथा वाईएसएस फाउंडेशन, सक्षमभूमि फाउंडेशन, एमिटी विश्वविद्यालय, जाकिर हुसैन कॉलेज, पीजीडीएवी कॉलेज, आईएमएस कॉलेज, सनब्रीज स्कूल, श्रीनिवासपुरी के राजकीय बालक विद्यालय जैसी विभिन्न संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी ने अभियान को और मजबूत किया.

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