ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने एक पहलवान की हत्या के मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है. रोहिणी कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण तरीके से केस बनाया है और कई तथ्य छिपाए हैं. अभी सोमवार को ही दिल्ली पुलिस ने पहलवान सुशील कुमार पर 1 लाख के इनाम की घोषणा की थी, जिसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की है.
उनकी याचिका पर निचली अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. रोहिणी कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के अदालत ने कहा कि आज चार बजे से पहले फैसला सुनाने की कोशिश की जाएगी.
सुशील कुमार की तरफ से क्या कहा गया
कोर्ट में उनकी तरफ से कहा गया है कि 'पुलिस ने दुर्भावनापूर्ण तरीके से केस बनाया. मैं दो बार का ऑलंपियन हूं. राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री मिल चुका है, जबकि सोनू हिस्ट्रीशीटर है और उस पर कई केस दर्ज हैं. पुलिस ने इस मामले में कई तथ्यों को छिपाए हैं.'
उनके वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि 'पांच मई की रात 1.19 पर छत्रसाल स्टेडियम में झगड़े की कॉल आई और कहा गया कि वहां दो गोलियां चली हैं लेकिन पुलिस ने यह नहीं बताया कि फायरिंग किसने की. वाहन से हथियार मिला लेकिन कोई चश्मदीद नहीं मिला. अगर गोली हवा में चलाई गई तो ये हत्या का मामला कैसे बना? क्योंकि इससे साफ है कि इरादा हत्या का नहीं था.' वकील ने कहा, 'कार से जो हथियार बरामद हुए हैं वो सुशील के नहीं हैं. कार से भी उनका कोई लेना-देना नहीं है. उनकी पत्नी के नाम की संपत्ति पर सागर किराए पर रह रहा था और उसने किराया नहीं दिया था. पुलिस ने यह भी नहीं बताया कि सुशील का पासपोर्ट जब्त कर लिया गया है.'
सुशील की तरफ से कहा गया है कि उनकी वजह से कोई चोट नहीं लगी है और पुलिस ने उनके खिलाफ इस मामले मे हेरफेर किया है. उनके वकील ने कहा, 'जो घायल है सबसे महत्वपूर्ण गवाह है, उसने मेरे खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है. मेरे खिलाफ किसी ने बयान नहीं दिया. यह मेरे खिलाफ सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है. पुलिस ने मेरे खिलाफ केस में हेरफेर किया है.'
हालांकि, दिल्ली पुलिस ने कहा कि घायल अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है, इसलिए उसका बयान नहीं लिया जा सका, लेकिन पुलिस के पास इलेक्ट्रानिक सबूत हैं.
पुलिस ने क्या कहा
सुनवाई के दौरान रोहिणी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि उन्हें सुशील कुमार की गिरफ्तारी क्यों चाहिए? दिल्ली पुलिस ने अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि 'सुशील इनामी पहलवान हैं जिस पर हमें भी नाज है. हमने पासपोर्ट सीज नहीं किया है. हम इसे वापस कर देंगे. हमें डर है कि वो भाग सकते हैं.'
दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि 'हमारे पास वीडियो है जिसमें सुशील के हाथ में डंडा है.' पुलिस ने कहा कि अदालत ने सुशील कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है इसलिए कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए उन्हें गिरफ्तार करना होगा. उनके खिलाफ लुक आउट भी जारी किया गया है, ऐसे में वो वैसे भी देश छोड़कर नहीं जा सकते.
क्या है मामला
दरअसल, मामला एक अन्य पहलवान की हत्या का है. 11 मई को उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद में 23 साल के सागर राणा और उसके दो दोस्तों की कथित तौर पर कुछ अन्य पहलवानों ने बुरी तरह पिटाई की थी, जिसमें सागर राणा की मौत हो गई थी. यह झगड़ा दिल्ली के माडल टाउन इलाके में एक फ्लैट खाली करने को लेकर हुआ था. सुशील कुमार का नाम एफआईआर में है. पुलिस का कहना है कि वो झगड़े के वक्त वहां मौजूद थे और फिलहाल फरार चल रहे हैं, उनकी तलाशी हो रही है.
इस केस में पहलवान सुशील कुमार और छह अन्य लोगों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी हुआ है. वहीं पुलिस ने कुछ दिनों पहले सुशील कुमार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था, ताकि वो देश छोड़कर भागने की कोशिश न करें.
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