केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में चंद्रपुर और यवतमाल जिलों को जोड़ने वाले एक राजमार्ग पर 200 मीटर लंबा बांस का ‘क्रैश बैरियर' लगाया गया है. गडकरी ने इसे 'दुनिया की पहली' ऐसी कवायद करार दिया. गडकरी ने इसे देश और इसके बांस क्षेत्र के लिए एक 'उल्लेखनीय उपलब्धि' बताते हुए कहा कि यह ‘क्रैश बैरियर' स्टील का एक सही विकल्प प्रदान करता है और पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करता है.
गडकरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘दुनिया के पहले 200 मीटर लंबे बांस के ‘‘क्रैश बैरियर'' के निर्माण के साथ ही आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक असाधारण उपलब्धि हासिल की गई है, जिसे वाणी-वरोरा राजमार्ग पर लगाया गया है.''
An extraordinary accomplishment towards achieving #AatmanirbharBharat has been made with the development of the world's first 200-meter-long Bamboo Crash Barrier, which has been installed on the Vani-Warora Highway. pic.twitter.com/BPEUhF7l2P
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) March 4, 2023
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि इस बांस के क्रैश बैरियर को 'बहू बल्ली' नाम दिया गया है.
‘क्रैश बैरियर' राजमार्ग के किनारे लगाये जाते हैं और किसी तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होकर इनसे टकराने पर ये वाहन को सड़क ने नीचे जाने से रोक देते हैं और इससे उक्त वाहन की गति भी कम हो जाती है.
मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘इंदौर के पीतमपुर में नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (एनएटीआरएएक्स) जैसे विभिन्न सरकारी संस्थानों में इसका कठोर परीक्षण किया गया और रुड़की में केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) में आयोजित अग्नि रेटिंग जांच के दौरान इसे श्रेणी एक का दर्जा दिया गया. इसके अतिरिक्त, इसे इंडियन रोड कांग्रेस द्वारा भी मान्यता दी गई है.''
This Bamboo Crash Barrier, which has been christened Bahu Balli, underwent rigorous testing at various government-run institutions, such as the National Automotive Test Tracks (NATRAX) in Pithampur, Indore, and was rated as Class 1... pic.twitter.com/fe52oU1rLz
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) March 4, 2023
गडकरी ने कहा कि बांस बैरियर का पुनर्चक्रण मूल्य 50-70 प्रतिशत है, जबकि स्टील बैरियर का 30-50 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस बैरियर को बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली बांस की प्रजाति बंबूसा बालकोआ है, जिसे क्रेओसोट तेल से उपचारित किया गया है और पुनर्चक्रित हाई-डेंसिटी पॉली एथिलीन (एचडीपीई) के साथ लेपित किया गया है. यह उपलब्धि बांस क्षेत्र और पूरे भारत के लिए उल्लेखनीय है, क्योंकि यह क्रैश बैरियर स्टील का एक सही विकल्प प्रदान करता है और पर्यावरण संबंधी चिंताओं और उनके परिणामों को संबोधित करता है.''
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