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'हम ऐसे नहीं जी सकते' : दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद में NCW अध्यक्ष के सामने रो पड़ीं महिलाएं

एक महिला ने रोते हुए और प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के पैर छूते हुए कहा कि हम यहां स्थायी बीएसएफ शिविरों के बिना जीवित नहीं रह सकते. यदि आवश्यकता हुई, तो हम उन्हें स्थापित करने के लिए अपनी जमीन और घर देने के लिए तैयार हैं.

'हम ऐसे नहीं जी सकते' : दंगा प्रभावित मुर्शिदाबाद में NCW अध्यक्ष के सामने रो पड़ीं महिलाएं
मुर्शिदाबाद दंगे की पीड़िता...

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक धुलियान की महिलाओं ने केंद्र से हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थायी रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) शिविर स्थापित करने का आग्रह किया है, ताकि सांप्रदायिक अशांति के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को अपनी अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में हिंसा प्रभावित लोगों से मिलने के लिए धुलियान का दौरा किया. प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान कई महिलाएं रो पड़ीं और केंद्रीय बलों की स्थायी तैनाती की गुहार लगाई.

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एक महिला ने रोते हुए और प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य के पैर छूते हुए कहा कि हम यहां स्थायी बीएसएफ शिविरों के बिना जीवित नहीं रह सकते. यदि आवश्यकता हुई, तो हम उन्हें स्थापित करने के लिए अपनी जमीन और घर देने के लिए तैयार हैं. एनसीडब्ल्यू की टीम ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को केंद्रीय गृह मंत्रालय तक पहुंचाया जाएगा.

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(फोटो- राज्यपाल ने भी मुर्शिदाबाद के पीड़ितों से मुलाकात की...)

प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने महिलाओं से कहा कि इस संकट की घड़ी में हम आपके साथ खड़े हैं. पूरा देश आपको देख रहा है और आपका समर्थन कर रहा है. हम केंद्र को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे और इस क्षेत्र में बीएसएफ की स्थायी उपस्थिति की मांग भी शामिल करेंगे.

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शनिवार के दौरे से पहले ही एनसीडब्ल्यू सदस्य अर्चना मजूमदार ने क्षेत्र में स्थायी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) शिविरों की आवश्यकता पर जोर दिया था. मजूमदार ने शुक्रवार को कहा था कि मुर्शिदाबाद में पीड़ित महिलाओं ने अपनी गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीएपीएफ की स्थायी तैनाती की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया है. हम इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे. इस बीच मुर्शिदाबाद जिला प्रशासन ने संपत्ति के नुकसान पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है. शुरुआती अनुमानों के अनुसार, अशांति के दौरान 250 से अधिक घरों और 100 दुकानों में तोड़फोड़ की गई. एक वरिष्ठ जिला अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआती अनुमान है. विस्तृत आकलन पूरा होने पर वास्तविक आंकड़ा बढ़ सकता है.

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(फोटो- प्रयागराज में मुर्शिदाबाद दंगे को लेकर विरोध-प्रदर्शन)

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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