मुंबई:
मुंबई में एक बंद पड़ी मिल में गुरुवार रात एक महिला फोटो पत्रकार के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के संबंध में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और चार आरोपियों की पहचान की गई है। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
मुंबई के पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने घटना को भयावह करार देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया कि अन्य चार आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा, "स्थानीय पुलिस और अपराध शाखा की 20 टीमें गठित की गई हैं और आरोपियों के स्केच जारी किए गए हैं।"
यह घटना अमेरिकी महिला पर एक उपनगरीय स्थानीय रेल में हुए हमले और उसके साथ लूटपाट की घटना के पांच दिन बाद हुई है, जिसने शहर में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक अंग्रेजी पत्रिका में कार्यरत 22 वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ दुष्कर्म की घटना उस वक्त हुई, जब वह दफ्तर से मिले काम के सिलसिले में अपने पुरुष सहकर्मी के साथ महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित शक्ति मिल्स कंपाउंड गई थी।
दोनों पीड़ितों के बयान के आधार पर घटना का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि पहले दो लोगों ने इन पर रेलवे परिसर में अनधिकृत प्रवेश का आरोप लगाकर इनका विरोध किया। इसके बाद उन्होंने खंडहर बन चुके कारखाने के अंदर अपने तीन साथियों को बुला लिया।
इनमें से एक ने सहकर्मी को बेल्ट से बांध दिया और युवती को वहां से 20 फुट अंदर घने झाड़ के पीछे ले गए। सिंह ने बताया कि उन लोगों ने वहां युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया।
पीड़िता को अंदरूनी चोटें आई हैं। उसे और उसके सहकर्मी को जसलोक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां दोनों सदमे में हैं।
सुनसान मिल में उसकी मदद की गुहार कोई नहीं सुन पाया और घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए। आरोपियों की उम्र 20 से 22 साल बताई जा रही है। पुलिस को घटना की जानकारी पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद मिली।
राज्य के गृह मत्री आरआर पाटील ने जसलोक अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने मीडिया से कहा, "यह बेहद गंभीर मामला है और हमने इस पर गहरी नजर रखी हुई है। हम जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेंगे।"
पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह सफलता पीड़िता के पुरुष सहकर्मी के दिए गए बयान की वजह से मिली, जो गुरुवार को हुई इस घटना के वक्त वहां मौजूद था।
सिंह ने मीडिया को बताया, "एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि घटना में शामिल रहे चार अन्य की पहचान की गई है और आगे की जांच पड़ताल जारी है। माना जा रहा है कि वे इसी इलाके में रहते हैं।"
पुलिस ने हालांकि, आरोपियों की पहचान कर ली है, लेकिन पुलिस आयुक्त ने उनका नाम बताने से इनकार किया है।
इस घटना से पूरे देश में लोगों का गुस्सा उबल पड़ा है जिसकी गूंज संसद में भी सुनी गई। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद स्मृति ईरानी ने यह मुद्दा उठाया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हान ने मुंबई में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह राज्य की साफ सुथरी छवि पर धब्बा है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार पीड़ितों का सभी चिकित्सीय खर्च वहन करेगी और उनके परिवार के सदस्यों को हर प्रकार की मदद दी जाएगी।"
घटना को गंभीरता से लेते हुए मुंबई प्रेस क्लब और अन्य मीडियाकर्मी एवं सामाजिक संगठनों के सदस्य दक्षिणी मुंबई के हुतात्मा चौक पर शुक्रवार की दोपहर प्रदर्शन के लिए जमा हुए।
मुंबई के पुलिस आयुक्त सत्यपाल सिंह ने घटना को भयावह करार देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया कि अन्य चार आरोपियों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा, "स्थानीय पुलिस और अपराध शाखा की 20 टीमें गठित की गई हैं और आरोपियों के स्केच जारी किए गए हैं।"
यह घटना अमेरिकी महिला पर एक उपनगरीय स्थानीय रेल में हुए हमले और उसके साथ लूटपाट की घटना के पांच दिन बाद हुई है, जिसने शहर में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एक अंग्रेजी पत्रिका में कार्यरत 22 वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ दुष्कर्म की घटना उस वक्त हुई, जब वह दफ्तर से मिले काम के सिलसिले में अपने पुरुष सहकर्मी के साथ महालक्ष्मी रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित शक्ति मिल्स कंपाउंड गई थी।
दोनों पीड़ितों के बयान के आधार पर घटना का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि पहले दो लोगों ने इन पर रेलवे परिसर में अनधिकृत प्रवेश का आरोप लगाकर इनका विरोध किया। इसके बाद उन्होंने खंडहर बन चुके कारखाने के अंदर अपने तीन साथियों को बुला लिया।
इनमें से एक ने सहकर्मी को बेल्ट से बांध दिया और युवती को वहां से 20 फुट अंदर घने झाड़ के पीछे ले गए। सिंह ने बताया कि उन लोगों ने वहां युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया।
पीड़िता को अंदरूनी चोटें आई हैं। उसे और उसके सहकर्मी को जसलोक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां दोनों सदमे में हैं।
सुनसान मिल में उसकी मदद की गुहार कोई नहीं सुन पाया और घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए। आरोपियों की उम्र 20 से 22 साल बताई जा रही है। पुलिस को घटना की जानकारी पीड़ितों को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद मिली।
राज्य के गृह मत्री आरआर पाटील ने जसलोक अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने मीडिया से कहा, "यह बेहद गंभीर मामला है और हमने इस पर गहरी नजर रखी हुई है। हम जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेंगे।"
पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह सफलता पीड़िता के पुरुष सहकर्मी के दिए गए बयान की वजह से मिली, जो गुरुवार को हुई इस घटना के वक्त वहां मौजूद था।
सिंह ने मीडिया को बताया, "एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि घटना में शामिल रहे चार अन्य की पहचान की गई है और आगे की जांच पड़ताल जारी है। माना जा रहा है कि वे इसी इलाके में रहते हैं।"
पुलिस ने हालांकि, आरोपियों की पहचान कर ली है, लेकिन पुलिस आयुक्त ने उनका नाम बताने से इनकार किया है।
इस घटना से पूरे देश में लोगों का गुस्सा उबल पड़ा है जिसकी गूंज संसद में भी सुनी गई। राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद स्मृति ईरानी ने यह मुद्दा उठाया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हान ने मुंबई में इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह राज्य की साफ सुथरी छवि पर धब्बा है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार पीड़ितों का सभी चिकित्सीय खर्च वहन करेगी और उनके परिवार के सदस्यों को हर प्रकार की मदद दी जाएगी।"
घटना को गंभीरता से लेते हुए मुंबई प्रेस क्लब और अन्य मीडियाकर्मी एवं सामाजिक संगठनों के सदस्य दक्षिणी मुंबई के हुतात्मा चौक पर शुक्रवार की दोपहर प्रदर्शन के लिए जमा हुए।
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