दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली सरकार को दो महीने में यह तय करने के लिए कहा है कि वह ड्यूटी के दौरान कोविड-19 से जान गंवाने वाले 49 वर्षीय यातायात निरीक्षक के परिवार को अनुग्रह राशि प्रदान करेगी या नहीं. याचिकाकर्ता ने कहा है कि सरकारी नीति के अनुसार, यदि ड्यूटी पर रहते हुए किसी सरकारी कर्मचारी की कोविड-19 से मौत हो जाती है तो मृतक का परिवार एक करोड़ रुपये के मुआवजे का हकदार है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि लेकिन अधिकारियों ने इस संबंध में उसके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया. याचिकाकर्ता महिला के पति की 2021 में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान ड्यूटी पर रहते हुए कोविड-19 से बीमार पड़ने के बाद मौत हो गई थी.
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने कहा, “पेश मामले की सीमित प्रकृति को ध्यान में रखते हुए, अदालत को इस स्तर पर याचिका को बरकरार रखने कोई औचित्य नजर नहीं आता. लिहाजा, पहले प्रतिवादी (दिल्ली सरकार) से याचिकाकर्ता के इस प्रतिवेदन पर जवाब मांगा जाए और वह आज से दो महीने के भीतर जवाब दाखिल करे.”
अदालत ने याचिका का निपटारा कर दिया लेकिन स्पष्ट किया कि पक्षकारों की दलीलें जारी रहेंगी.
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