केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में फांसी की सजा (Kerala Nurse Nimisha Priya Death Sentence) हुई है. ब्लड मनी से लेकर राष्ट्रपति से माफी मांगने तक उनकी हर कोशिश नाकाम साबित हुई, जिसके बाद यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने भी उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगा दी. जिसके बाद ऐसा लगने लगा कि मानो निमिषा के परिवार की आखिरी उम्मीद भी मानो खत्म हो गई है. लेकिन ऐसा नहीं है. नए साल में निमिषा को बचाने की एक आखिरी किरण नजर आने लगी है. भारत सरकार का कहना है कि वह नर्स के परिवार की हर संभव मदद कर रही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल का कहना है कि उनको निमिषा प्रिया की फांसी की सजा के बारे में जानकारी है. इस मामले में भारत सरकार हर संभव मदद कर रही है.
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विदेश मंत्रालय के इस बयान के बाद एक आखिरी उम्मीद अब भी नजर आ रही है कि शायद निमिषा प्रिया फांसी के तख्त पर जाने से बच जाएं. वहीं केरल में विपक्ष (UDF) के नेता वी डी सतीसन केंद्र और राज्य सरकार पर निमिषा को बचाने की पहल के लिए दबाव बना रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार को मौत की सजा को स्थगित करने और नर्स निमिषा को बचाने के लिए पहल करनी होगी. इसके लिए यूडीएफ उन पर दबाव बना रहा है.
वहीं सेव निमिषा प्रिया फोरम के बाबू जॉन का कहना है कि समय बहुत कम है. हम भारत सरकार से हस्तक्षेप करने और बातचीत की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केरल सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि यह पूरी तरह से यमनी सरकार और भारतीय सरकार के साथ जुड़ा मामला है.
निमिषा प्रिया पर क्या है आरोप?
- निमिषा प्रिया पर अपने ही साथी की हत्या का आरोप है.
- निमिषा 2017 से यमन की जेल में बंद हैं.
- नर्स को साल 2017 में तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था.
- 2020 में उनको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
- निमिषा ने महदी पर धोखाधड़ी और दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है.
कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली हैं. उनका जन्म एक गरीब दिहाड़ी मजदूर परिवार में हुआ था. वह पेशे से नर्स हैं. उन्होंने नर्स की ट्रेनिंग लेने के बाद बेहतर करियर की तलाश में 2008 में यमन का रुख किया था. निमिषा ने साल 2011 में इडुक्की के रहने वाले टॉमी थॉमस से शादी की थी. जिसके बाद दोनों पति-पत्नी यमन की राजधानी सना में जाकर बस गए. दोनों की एक बेटी भी है.
निमिषा प्रिया के साथ क्या हुआ?
निमिषा यमन के प्राइवेट क्लीनिक में नर्स के तौर पर काम कर रही थीं. आमनदनी कम थी. जिसकी वजह से उन्होंने खुद का क्लीनिक खोलने के बारे में सोचा. लेकिन यमन के नियम के मुताबिक वहां बाहरियों को अपना बिजनेस रजिस्टर करने की परमिशन नहीं थी. इस काम के लिए उनको किसी की मदद चाहिए थी. इसके बाद निमिषा ने यमन के रहने वाले एक नागरिक के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया. जिस क्लिनिक में वह काम करती थीं, वहीं से चीजें गड़बड़ाने लगीं.
निमिषा जिस क्लीनिक में काम करती थी उसका मालिक उसके नए काम से परेशान था. नर्स को ओनरशिप डील पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया, जसमें मालिक के पास 33 प्रतिशत शेयर थे और महदी के पास 67 प्रतिशत शेयर थे. उनका क्लीनिक चलने लगा. लेकिन अचानक महदी ने निमिषा के साथ इनकम शेयर करना बंद कर दिया. पारिवारिक खातों के मुताबिक, जब निमिषा ने महदी से इस बारे में पूछा तो उसे प्रताड़ित किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया है कि महदी से निमिषा की दोस्ती इतनी गहरी कि वह 2015 में उसके घर केरल भी गया था. जहां वह उनके पति टॉमी से भी मिला था. बस इसी नजदीकी का उसने जमकर फायदा उठाया.
कैसे हुई महदी की मौत?
निमिषा के मुताबिक महदी ने उनके पासपोर्ट पर कब्जा कर लिया. इतना ही नहीं उनकी शादी की फोटो के साथ छेड़छाड़ की और दावा करने लगा कि उन दोनों की शादी हुई है. महदी ने कथित तौर पर अपने परिवार और क्लिनिक के कर्मचारियों को बताने लगा कि उन्होंने केरल में शादी कर ली थी. जब निमिषा ने शिकायत की और मामला अदालत तक पहुंचा, तो महदी ने कथित तौर पर अपनी शादी के फर्जी दस्तावेज पेश किए, जिनको अदालत ने स्वीकार कर लिया.
निमिषा ने महदी पर कई बार शारीरिक और यौन उत्पीड़न करने का भी आरोप लगाया. निमिषा की शिकायतों और नशीली दवाओं की लत की वजह से महदी को बार-बार जेल जाना पड़ा. अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए निमिषा ने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया. लेकिन खुराक ज्यादा होने की वजह से उसकी मौत हो गई. निमिषा ने जब यमन से भागने की कोशिश की तो उनको पकड़ लिया गया.
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