9 साल की अमायरा याद है आपको... वही बच्ची जो कुछ दिनों पहले जयपुर के एक नामी स्कूल की चौथी मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी थी. इस बच्ची की मौत का मामला लगातार सुर्खियों में था. अमायरा ने 1 नवंबर 2025 की दोपहर जयपुर के प्रतिष्ठित नीरजा मोदी स्कूल में चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी. इस घटना ने न सिर्फ एक परिवार को तोड़ दिया बल्कि स्कूल सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए. अब करीब दो महीने बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी. यह फैसला पीड़ित परिवार के ज़ख्मों पर कुछ हद तक मरहम है लेकिन ये घाव ऐसे हैं जो जीवन भर नहीं भर पाएंगे. दरअसल ये दर्दनाक कहानी एक स्कूली तंत्र में मशीनी हो चुके सिस्टम की है.
ये कहानी स्कूल में बच्चों के इमोशन की अनदेखी की है. ये कहानी इतने बड़े हादसे के बाद अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे हटने की है. ये कहानी पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करने की है और यह कहानी बताती है कि कैसे आधुनिक शिक्षा के नाम पर बड़ी फ़ीस वसूलने वाले संस्थान बच्चों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह हो सकते हैं.
18 महीने की खामोश यातना
CBSE की जांच रिपोर्ट के मुताबिक अमायरा पिछले करीब 18 महीनों से स्कूल में बुलिंग और मानसिक उत्पीड़न का सामना कर रही थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे बार बार साथी स्टूडेंट्स की ओर से चिढ़ाया गया अपमानित किया गया और उस पर टिप्पणियां की गईं. माता पिता का आरोप है कि उन्होंने इस दौरान कई बार स्कूल प्रशासन को शिकायतें दीं लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. न तो काउंसलिंग कराई गई और न ही किसी तरह की सुरक्षा या मनोवैज्ञानिक मदद दी गई.
अक्टूबर 2025 में अमायरा ने रोते हुए कहा था- मुझे स्कूल नहीं जाना
अक्टूबर में अमायरा का व्यवहार बदलने लगा. वह स्कूल जाने से मना करने लगी. NDTV से बातचीत में परिजनों ने मां और अमायरा के बीच हुई बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई, जिसमें अमायरा रोते हुए स्कूल न जाने की बात कह रही थी.
1 नवंबर 2025- घटना का दिन
सुबह अमायरा ने मां से कहा कि वह स्कूल नहीं जाना चाहती. मां ने भरोसा दिलाया कि वह स्कूल में बात करेंगी और बच्ची को स्कूल भेज दिया गया. क्लास में आखिरी 45 मिनट- CBSE की रिपोर्ट के मुताबिक, अमायरा ने घटना से पहले 45 मिनट में पांच बार अपनी क्लास टीचर से मदद मांगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि टीचर ने बच्ची की मदद करने के बजाय उसे पूरी क्लास के सामने डांटा. उसे स्कूल काउंसलर के पास भी नहीं भेजा गया.
2 नवंबर 2025 – पुलिस जांच और FIR
जयपुर की मानसरोवर थाना में FIR दर्ज की गई. परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने भी सबूत इकट्ठा करने में देरी की जैसे बच्ची का बैग 9 दिन बाद कस्टडी में लिया गया. परिवार का आरोप था कि पुलिस स्कूल प्रबंधन को बचाने की कोशिश कर रही थी.स्कूल प्रशासन की तरफ़ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने परिवार को इंसाफ़ दिलाने की बात कही.
3 नवंबर 2025 – स्कूल निरीक्षण
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का विदेशों पर गठित शिक्षा विभाग की टीम ने स्कूल का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण में पाया गया कि छात्रों ने आईडी कार्ड नहीं पहने थे. स्कूल में सुरक्षा समिति मौजूद नहीं थी. टीचर्स को एंटी-बुलिंग नियमों की ट्रेनिंग नहीं दी गई.सुरक्षा मानकों में कमी पाई गई. CBSE की टीम ने भी स्कूल का विज़िट किया पुलिस ने इस मामले में स्कूल के स्टाफ़ और पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए.
5 से दस नवंबर के बीच
अमायरा के इंसाफ़ की माँग को लेकर स्कूल के बाहर मशाल जुलूस निकाला गया नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन भी किए लेकिन स्कूल के दरवाज़े बंद कर दिए गए थे बच्चों की छुट्टी कर दी गई थी स्कूल की तरफ़ से कोई भी मीडिया के सामने आकर बात करने के लिए तैयार नहीं था NDTV ने जब स्कूल के मालिक पूर्व विधायक पूर्व सांसद विष्णु मोदी से फ़ोन पर बात की तो उन्होंने कहा कि इस मामले में उनकी लीगल टीम ही बात करेगी लेकिन लीगल टीम भी कैमरे के सामने नहीं आई.
बाद में जयपुर के मुख्य चौराहों और बस स्टॉप्स पर शिक्षा मंत्री के ‘लापता' पोस्टर लगाए गए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इतने बड़े मामले पर सरकार और मंत्री चुप क्यों हैं. अमायरा के परिवार और अभिभावकों ने मोमबत्ती जलाकर धरने पर बैठकर विरोध जताया. #JusticeForAmayra हैशटैग के जरिए लोग स्कूल प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं.
12 नवंबर 2025
CBSE की दो सदस्यीय टीम ने अमायरा के माता-पिता से मुलाकात की. परिजन ने बताया कि बच्ची लगातार स्कूल में परेशान होने की बात कहती थी. टीम को सीसीटीवी फुटेज भी दिखाई गई, जिसमें बच्ची घटना से पहले टीचर से मदद मांगती नजर आई.
20 नवंबर 2025 कारण बताओ नोटिस
CBSE ने स्कूल को नोटिस जारी किया. नोटिस में बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े नियमों के उल्लंघन की बात कही गई. घटना के करीब 50 दिन बाद स्कूल प्रशासन ने दो शिक्षकों को निलंबित किया. इस देरी पर अभिभावकों और समाज में सवाल उठे.
30 दिसंबर 2025 – मान्यता रद्द
CBSE ने नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी. बोर्ड ने लिखा कि बच्चों की सुरक्षा से किसी भी हालत में समझौता नहीं किया जाएगा.अमायरा की मौत सिर्फ एक बच्ची की मौत नहीं है. यह सिस्टम की संवेदनशीलता की मौत है. यह केस पूरे शिक्षा तंत्र और अभिभावकों के लिए नजीर है कि बच्चों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना कितना जरूरी है.
बच्ची के पिता ने राजस्थान सरकार से की यह मांग
स्कूल की मान्यता रद्द होने पर अमायरा के पिता विजय मीणा का प्रतिक्रिया सामने आई है. विजय मीणा ने अब राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन को आपराधिक मामले में भी सजा मिलनी चाहिए. बच्ची के पिता ने पुलिस प्रशासन से ठोस कार्रवाई की मांग रखी है. उन्होंने सभी स्कूल में बच्चों की सुरक्षा की मांग की, साथ ही कहा कि राजस्थान सरकार भी सीबीएसई की तरह ही ठोस कदम उठाए.
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