- जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में पढ़ने वाली लड़की की मौत के मामले में स्कूल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है
- पुलिस और शिक्षा विभाग की टीम मामले में जांच कर रही है तथा खून के निशान मिटाने की वजह पता कर रही है
- सफाईकर्मी ने बताया कि खून के धब्बे सुपरवाइजर के कहने पर ही मिटाए गए होंगे
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में पढ़ने वाली लड़की की मौत के मामले में स्कूल अबतक चुप है. मगर एनडीटीवी ने स्कूल प्रशासन से बात करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. वहीं, बच्ची के माता-पिता इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे में स्कूल प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है. इसमें से एक सवाल ये भी है कि आखिर स्कूल ने घटना वाले दिन खून के निशान मिटाने में इतनी जल्दबाजी क्यों दिखाई. पुलिस और शिक्षा विभाग की टीम इस मामले में जांच कर रही है.
एनडीटीवी की पड़ताल में क्या कुछ पता चला
एनडीटीवी से बातचीत में मामले में अनुसंधान अधिकारी मानसरोवर थानाधिकारी लखन खटाना ने खून के धब्बों को मिटाने की बात पर बताया कि इसके लिए वहां मौजूद सफाईकर्मी से पूछताछ की गई है. उसने ये स्वाभाविक काम के तौर पर किया या आपराधिक मन से किया. इसकी जांच भी जारी है. वहीं, इस मामले में एनडीटीवी की टीम ने भी पड़ताल करने की कोशिश की. हमनें वहां काम करने वाले सफाई कर्मियों से बात करनी चाही. उन्होंने बताया कि वे उस दिन मौजूद नहीं थे. लेकिन किसी भी सफाईकर्मी ने वह काम सुपरवाइजर के कहने पर ही किया होगा. बिना किसी सुपरवाइजर के कहने पर तो कोई क्यों ही काम करेगा.
सरकार पर स्कूल से मिलीभगत का आरोप
उनकी इस बात से ये सवाल और बढ़ जाते हैं कि आखिर क्यों स्कूल प्रशासन ने इस मामले में जल्दबाजी की होगी. वहीं, इस मामले में पूर्व मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने सरकार पर स्कूल से मिलीभगत का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जयपुर के स्कूल में एक बच्ची ने सुसाइड कर ली. इस पर कोई कार्रवाई अब तक क्यों नहीं हुई. पूरा जयपुर इस बात से परेशान है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने क्या स्कूल से कोई पैसे की डील कर की है. सरकार से बड़ा स्कूल हो गया है क्या? अब इस मामले में सबकी निगाहें शिक्षा विभाग और पुलिस की जांच पर अटकी है. साथ ही, एक गंभीर विचार इस मुद्दे पर किया जाना चाहिए.
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