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This Article is From May 15, 2025

पीड़िता और दोषी ने एक-दूसरे को सुप्रीम कोर्ट में क्यों दिए फूल, बजी तालियां, रिहा करने के भी निर्देश

इस मामले में FIR के अनुसार, व्यक्ति की महिला से फेसबुक के जरिए मुलाकात हुई थी, क्योंकि वह उसकी बहन की दोस्त थी. उनके बीच संबंध बन गए और कई मौकों पर उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने. आरोप है कि हर बार उसने उसे भरोसा दिया कि वह उससे शादी करेगा, लेकिन आखिरकार मना कर दिया.

पीड़िता और दोषी ने एक-दूसरे को सुप्रीम कोर्ट में क्यों दिए फूल, बजी तालियां, रिहा करने के भी निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में दिखा अनोखा मंजर

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में गुरुवार को अलग ही नजारा देखने को मिला. गुरुवार की दोपहर अदालत में सुनवाई चल रही थी. फिर सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित महिला और दोषी ने एक-दूसरे को फूल दिए. अदालत में तालियां बजने लगीं. सुप्रीम कोर्ट के शादी करने की इजाजत देते  दोषी की सजा को निलंबित कर दिया गया. ये नजारा गुरुवार दोपहर जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की कोर्ट में देखने को मिला जबकि  शिकायतकर्ता महिला और शादी का झांसा देकर रेप करने के दोषी दोनों ने शादी करने की इच्छा जताई. पीठ ने जोड़े को कोर्ट रूम के अंदर फूलों का आदान-प्रदान करने के लिए कहा. कोर्ट ने व्यक्ति से महिला को प्रपोज करने का आग्रह करने से पहले कहा कि हमने लंच सेशन में दोनों पक्षों से मुलाकात की. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे से शादी करने की इच्छा जाहिर की है. कोर्ट ने व्यक्ति की सजा को निलंबित करते हुए कहा कि वे एक-दूसरे से शादी करने के लिए तैयार हैं. शादी का विवरण संबंधित माता-पिता द्वारा तय किया जाएगा. हमें उम्मीद है कि शादी जल्द से जल्द हो जाएगी. ऐसी परिस्थितियों में हम सजा को निलंबित करते हैं और दोषी को रिहा करते हैं. आज याचिकाकर्ता 6/5/2025 के निर्देश के अनुसार इस अदालत के समक्ष पेश हुआ. उसे वापस जेल भेजा जाएगा और जल्द से जल्द संबंधित सत्र अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. पीठ ने आगे निर्देश दिया कि संबंधित सत्र न्यायालय दोषी को जमानत पर रिहा करेगा, बशर्ते कि वह उचित समझे . मामले की सुनवाई 25 जुलाई को होगी. 

दोषी पर 2016 से 2021 के बीच शादी का झूठा वादा कर पीड़िता से बार-बार रेप

पीड़िता की ओर से वकील निखिल जैन पेश हुए. दरअसल, दोषी व्यक्ति ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा 5 सितंबर, 2024 को पारित आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें सजा के निलंबन के लिए उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया था. दोषी पर 2016 से 2021 के बीच शादी का झूठा वादा करके पीड़िता से बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था. 

महिला से फेसबुक के जरिए हुई थी दोस्ती

FIR के अनुसार, व्यक्ति की महिला से फेसबुक के जरिए मुलाकात हुई थी, क्योंकि वह उसकी बहन की दोस्त थी. उनके बीच संबंध बन गए और कई मौकों पर उनके बीच शारीरिक संबंध भी बने. आरोप है कि हर बार उसने उसे भरोसा दिया कि वह उससे शादी करेगा.  जब उसने आखिरकार उससे शादी करने के लिए कहा, तो उसने यह कहते हुए मना कर दिया कि उसकी मां इसके लिए तैयार नहीं है. सितंबर 2024 में ट्रायल कोर्ट ने उसे रेप और  धोखाधड़ी के तहत दोषी ठहराया. उसे धारा 376(2)(एन) के तहत बार-बार बलात्कार के लिए 10 साल और धारा 417 आईपीसी के तहत धोखाधड़ी के लिए 2 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई. हाईकोर्ट से राहत पाने में विफल रहने के बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
 

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