भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की पूछताछ को लेकर मंगलवार को जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, तो उनकी जांच क्यों नहीं होनी चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2017 में नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद का साथ छोड़ दिया था, क्योंकि उन्हें इन घोटालों के जवाब नहीं मिल रहे थे.
उन्होंने सवाल किया कि भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के जवाब आने चाहिए या नहीं? भाजपा मुख्यालय में यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रसाद ने कहा, ‘‘आज जब इन घोटालों पर आरोप पत्र दाखिल हो चुका है और जांच चल रही है, तो फिर यह हाय-तौबा क्यों? भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान चारा घोटाला के संबंध में लालू प्रसाद के खिलाफ जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं. एक याचिका भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी और दूसरी याचिका जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा दायर की गई थी.
उन्होंने कहा, ‘‘लालू प्रसाद को घोटालों के चार मामलों में दोषी ठहराया गया था और कुछ मामलों में अपील लंबित है. उस समय भी यही आरोप लगाए गए थे कि भाजपा के आरोप बेबुनियाद हैं.'' बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा, ‘‘नीतीश बाबू को खुद को बिहार का सुशासन बाबू कहना बंद कर देना चाहिए. जिस तरह से उन्होंने बिहार राज्य को पीछे धकेल दिया है, जनता जल्द ही उन्हें सबक सिखाएगी.
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