
Disha Salian's Death And Aditya Thackeray: पांच साल हुई एक मौत ने महाराष्ट्र की सियासत में कोहराम मचा दिया है और राज्य के एक बडे राजनेता पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. जून 2020 में हुई अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर दिशा सालियान की मौत की गुत्थी अब तक उलझी हुई है. दिशा के पिता जो अब तक उसकी मौत को आत्महत्या मान रहे थे, अचानक आरोप लगा रहे हैं कि उसकी हत्या हुई थी. दिशा की मौत हादसा थी, हत्या थी या आत्म हत्या, इस पर सबकी नजरें टिकी हुईं हैं.
सुशांत की मौत से उठे सवाल

(एक गुरुकुल छात्र सुशांत के फोटो बनाते हुए)
जून 2020 में पूरा देश सन्नाटे की चादर ओढ़े बैठा था. कोविड 19 की महामारी ने जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया था. लॉकडाउन की मार और हर रोज़ मौत की खबरों ने सबके दिल में खौफ भर रखा था. मुंबई में बारिश ने जैसे ही अपने पांव पसारे, वैसे ही एक ऐसी खबर आई, जिसने देश के एक बड़े तबके की आंखों में आंसुओं का समंदर उमड़ा दिया. खबर थी बॉलीवुड के चमकते सितारे सुशांत सिंह राजपूत के दुनिया को अलविदा कहने की. 14 जून को सुशांत ने खार के अपने फ्लैट में फांसी लगाकर जान दे दी थी. एक तरफ लोग इस सदमे से उबरने की कोशिश में थे, तो दूसरी तरफ कुछ लोग इसे हफ्ते भर पहले हुई एक और घटना से जोड़कर सवाल उठाने लगे.
ठाकरे पर किसने लगाया आरोप

(दिशा सालियान और उद्धव ठाकरे की तस्वीर)
8 जून की रात सुशांत की पुरानी मैनेजर दिशा सालियान भी इस दुनिया से रुखसत हो गईं थीं. देखते ही देखते मामला सियासत की भेंट चढ़ गया और इल्जामों की बौछार शुरू हो गई कि दिशा और सुशांत, दोनों की हत्या हुई है. इल्जाम लगाने वालों में बीजेपी के बड़े नेता नारायण राणे और उनके छोटे बेटे नितेश राणे सबसे आगे थे. राणे बाप-बेटे का दावा था कि इन दोनों मौतों को उस वक्त की उद्धव ठाकरे सरकार ने दबा दिया, क्योंकि इसमें ठाकरे के लाडले आदित्य का हाथ था. नितेश राणे तो ये तक कह गए कि दिशा के साथ बलात्कार हुआ, फिर उसकी हत्या कर दी गई, और सुशांत को ये राज पता था, इसलिए उसे भी रास्ते से हटा दिया गया.
नितेश राणे वो शख्स हैं, जो अपने बयानों से हमेशा सुर्खियां बटोरते हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि उनके दावों को कितना वजन देना चाहिए. मुंबई पुलिस ने अपनी तफ्तीश में इसे खुदकुशी करार दिया था. फिर सीबीआई के सूत्रों से खबर आई कि दिशा की मौत एक हादसा थी. दोनों एजेंसियों को हत्या का कोई ठोस सुराग नहीं मिला, मगर राणे बार-बार इसे हत्या का राग अलापते रहे. आखिर दिशा सालियान की मौत का सच क्या है? इसे समझने के लिए चलिए उस रात के वाकये पर नजर डालते हैं.
8 जून 2020 की वो रात

(दिशा सालियान की तस्वीर)
8 जून 2020 की रात. दिशा अपने मंगेतर रोहन के घर पहुंची. मालाड की गैलेक्सी रीजेंट बिल्डिंग की चौदहवीं मंजिल पर रोहन का फ्लैट था. कुछ दिन पहले दिशा का जन्मदिन था, जिसकी खुशी में दोस्तों ने वहां पार्टी का जश्न रखा था. पार्टी में चार दोस्त दीप, इंद्रनील, हिमांशु और रेषा भी शरीक थे. देर रात तक हंसी-ठिठोली और शराब की चुस्कियों का दौर चलता रहा. दोस्तों के मुताबिक, दिशा ने भी जाम छलकाया था. शुरू में तो वो बिंदास मूड में थी, मगर थोड़ी देर बाद उसकी चुप्पी छा गई और चेहरा उदास हो गया. रात करीब 2 बजे वो लिविंग रूम से उठी और पीछे के कमरे में चली गई, जहां बालकनी थी. अचानक एक जोरदार आवाज ने सबको चौंका दिया. दोस्त पीछे की ओर दौड़े, मगर दिशा वहां नहीं थी. बालकनी से झांककर देखा तो नीचे खून से लथपथ दिशा का शव पड़ा था.
मुंबई पुलिस ने इसे हादसा मानकर जांच शुरू की. पोस्टमॉर्टम में ऊंचाई से गिरने की चोटें मिलीं, लेकिन हत्या या लड़ाई के कोई निशान नहीं. तो दो ही बातें सामने थीं-या तो दिशा संतुलन खोकर गिरी, या फिर उसने खुद छलांग लगाकर जिंदगी का खेल खत्म कर दिया. हत्या का कोई सबूत नहीं मिला. दोस्तों ने बताया कि दिशा बिजनेस में नुकसान से परेशान थी. 2021 में पुलिस ने इसे खुदकुशी मानकर फाइल बंद कर दी.
फिर सीबीआई आई
महीने भर में मामला सियासत की चाशनी में डूब गया. सुशांत की मौत ने विपक्ष को एक तीर से दो शिकार करने का मौका दे दिया. आदित्य ठाकरे को कटघरे में खड़ा कर ठाकरे सरकार को घेरा गया, साथ ही बिहार के वोटरों को लुभाने की जुगत भिड़ाई गई. सुशांत बिहारी थे और उसी साल बिहार में चुनाव भी होने थे. इसी बीच बिहार सरकार ने सुशांत की मौत का मामला सीबीआई के हवाले कर दिया. सीबीआई ने सुशांत की मौत की तफ्तीश में दिशा की मौत को भी खंगाला. नवंबर 2022 में सूत्रों के हवाले से खबर आई कि दिशा की मौत हादसा थी, हत्या नहीं. मगर सीबीआई ने औपचारिक तौर पर कुछ नहीं बोला. ये भी गौर करने वाली बात है कि पांच साल में सीबीआई ने एक भी शख्स को गिरफ्तार नहीं किया. दूसरी तरफ, नितेश राणे दिशा के बलात्कार और हत्या का ढिंढोरा पीटते रहे. ये भी इल्जाम लगे कि दिशा गर्भवती थी और उसका शव नग्न मिला, जिनका कोई सबूत पुलिस को नहीं मिला.
दिशा के पिता सतीश सालियान ने राणे के दावों को झूठ का पुलिंदा करार दिया और कहा कि उनकी बेटी को बदनाम किया जा रहा है. फिर 26 फरवरी 2022 को मालवणी थाने में नितेश राणे के खिलाफ केस भी दर्ज कराया, लेकिन वही सतीश, जो अब तक राणे के इल्जामों को नकारते थे, अब 19 मार्च 2025 को उन इल्जामों को सच बताकर बॉम्बे हाई कोर्ट की चौखट पर जा पहुंचे. उनका कहना है कि उद्धव ठाकरे की सत्ता के डर से वो पहले चुप थे.
दिशा के पिता के वकील के आरोप
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सतीश के वकील ने सनसनीखेज आरोप लगाये कि सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती और आदित्य ठाकरे के बीच नजदीकियां थीं. इल्जाम है कि रिया ड्रग्स लेती थी, ये बात दिशा ने सुशांत को बताई. सुशांत ने रिया से सवाल किया तो रिया ने आदित्य को खबर दी. फिर आदित्य ने दोनों को ठिकाने लगवा दिया. वकील का दावा है कि आदित्य के कहने पर ही रिया, सुशांत की मौत से पहले उसका घर छोड़कर भागी थी.
सतीश के इल्जामों पर नितेश राणे ने अपनी पीठ थपथपाई, तो सत्ताधारी पक्ष को उद्धव ठाकरे को घेरने का सुनहरा मौका मिल गया. विधान भवन में जहां औरंगजेब की कब्र और नागपुर दंगों की गूंज थी, वहां अब दिशा की मौत का शोर मच गया. बीजेपी ने आदित्य ठाकरे के इस्तीफे और गिरफ्तारी की मांग ठोक दी.
- आदित्य ठाकरे का कहना है कि दिशा की हत्या से उनका कोई वास्ता नहीं. ये उन्हें बदनाम करने की साजिश है.
- आदित्य के पिता उद्धव ठाकरे भी बेटे के बचाव में कूद पड़े. बोले, इल्जामों में दम नहीं, दिशा की मौत पर सियासी रोटियां सेंकी जा रही हैं.
- शरद पवार की एनसीपी के विधायक रोहित पवार ने तंज कसा कि बिहार और बीएमसी चुनावों के लिए बीजेपी दिशा की मौत को हथियार बना रही है.
पांच सालों में बीजेपी ने विधानसभा में सुशांत और दिशा का मुद्दा बार-बार उछाला. अब दिशा के पिता के इल्जामों ने मामले को नई हवा दे दी है, मगर सवालों की फेहरिस्त भी खड़ी हो गई है...
- सतीश सालियान कहते हैं कि उद्धव के डर से चुप थे, लेकिन बीते तीन साल से महायुति की सरकार है. फिर अब तक मुंह क्यों नहीं खोला?
- अगर नितेश राणे के इल्जाम सच हैं, तो फरवरी 2022 में सतीश ने राणे के खिलाफ बदनामी का केस क्यों ठोका?
- नितेश कहते हैं कि उनके पास सबूत हैं, तो आज तक मुंबई पुलिस या सीबीआई के सामने वो सबूत क्यों नहीं रखे?
- अपनी ही सरकार की SIT के सामने नितेश सम्मन के बाद भी क्यों नहीं हाजिर हुए?
- तीन जांच एजेंसियों को हत्या का कोई सुराग नहीं मिला, फिर किस वजह से राणे ने इसे हत्या का तमगा दे रहे हैं?
जहां इस मामले को लेकर सियासी गलियारों में हंगामा बरपा है, तो वहीं अब सबकी निगाहें बॉम्बे हाई कोर्ट पर भी टिकी हैं कि वो इस मामले को लेकर क्या रूख अपनाता है.
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