विज्ञापन

Explainer: भारत का चिनाब रेल ब्रिज क्यों खास? चीन-पाकिस्तान क्यों सतर्क, जानिए हर बात

चिनाब रेल ब्रिज की डिजाइन और तकनीकी विशेषताओं ने इसे दुनियाभर में चर्चा का विषय बना दिया है. ये न केवल एक रेलवे पुल है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ने का एक मजबूत माध्यम भी है.

Explainer: भारत का चिनाब रेल ब्रिज क्यों खास? चीन-पाकिस्तान क्यों सतर्क, जानिए हर बात

6 जून इतिहास में दर्ज हो गया. 2003 का सपना 2025 में पूरा हुआ. दुनिया भारत की ताकत देख हैरान है. LoC टू LAC तक इसकी गूंज है. ये न सिर्फ देश की सैन्य ताकत को बढ़ाने वाला है, बल्कि टूरिज्म से लेकर ट्रेड तक को बुलंदियों तक पहुंचाने वाला है. ये देश की इंजीनियरिंग का नायाब नमूना है. ये है चिनाब रेल ब्रिज. ये रेल ब्रिज पेरिस के मशहूर एफिल टावर से 35 मीटर ऊंचा है और दिल्ली की मशहूर कुतुब मीनार से लगभग 287 मीटर ऊंचा है.

Latest and Breaking News on NDTV
Latest and Breaking News on NDTV

उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला प्रोजेक्ट का हिस्सा

इतना ही ये दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर की चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेल पुल ‘चिनाब रेल ब्रिज' को राष्ट्र को समर्पित कर दिया. चिनाब रेल ब्रिज नदी के तल से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 272 किलोमीटर लंबे इस रेल मार्ग में 1315 मीटर का यह ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस पुल का निर्माण 1486 करोड़ की लागत से किया गया है. यह 266 किमी प्रति घंटे तक की हवा की गति का सामना कर सकता है. साथ ही यह ब्रिज भूकंपीय क्षेत्र पांच में स्थित है और रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता के भूकंप को सहने में सक्षम है.

Latest and Breaking News on NDTV
Latest and Breaking News on NDTV

जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ेगा

चिनाब रेल ब्रिज की वजह से कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा का समय घटकर 3 घंटे और कम हो जाएगा. चिनाब ब्रिज पर पहला ट्रायल रन जून 2024 में सफलतापूर्वक पूरा हुआ था. इसके बाद जनवरी 2025 में वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल किया गया था. इस ब्रिज की नींव 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने रखी थी. इसके निर्माण में 22 साल लगे और इसकी अनुमानित उम्र 125 साल से अधिक है. इसकी डिजाइन और तकनीकी विशेषताओं ने इसे दुनियाभर में चर्चा का विषय बना दिया है. चिनाब ब्रिज न केवल एक रेलवे पुल है, बल्कि यह जम्मू-कश्मीर को हर मौसम में देश से जोड़ने का एक मजबूत माध्यम भी है. इसकी भव्यता और इंजीनियरिंग की बारीकियां इसे एक ऐतिहासिक संरचना बनाती हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

चीन-पाकिस्तान क्यों चिनाब रेल ब्रिज से सतर्क

नवंबर 2024 में ऐसी खबरें सामने आईं थीं कि चीन चिनाब ब्रिज की जासूसी करवा रहा है. इसके लिए उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का भी सहारा लिया था. पाकिस्तान में तो लगातार चिनाब ब्रिज को लेकर खतरे वाली खबरें भी प्रकाशित होती रही हैं. मगर इसका कारण क्या है? दरअसल, कश्मीर बर्फबारी के दिनों में भारत से कट जाता था. साथ ही कई क्षेत्रों में आपात स्थिति में सेना को अपनी मूवमेंट में इस बर्फबारी के समय काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. अब चिनाब रेलवे ब्रिज के बन जाने से हर मौसम में कश्मीर पहुंचना सेना के लिए आसान हो जाएगा. इसके साथ ही लद्दाख जैसे क्षेत्रों में भी सेना की पहुंच सभी मौसम में अब आसान हो जाएगी. मतलब LoC टू LAC तक भारतीय सेना अब बहुत जल्द पहुंच सकेगी. यही कारण है कि चीन और पाकिस्तान इस ब्रिज को लेकर काफी सतर्क हैं. भारत इस पुल के जरिए मैसेज दे रहा है कि वो हर गुस्ताखी का जवाब देने के लिए तैयार है.  

Latest and Breaking News on NDTV
Latest and Breaking News on NDTV

पाकिस्तान खुद तो डर ही रहा, चीन को भी डरा रहा

Latest and Breaking News on NDTV

चिनाब ब्रिज पर पाकिस्तान के सबसे बड़े मीडिया संस्थानों में से एक डॉन लिखता है, "यह पुल चीन की सीमा से लगे भारत के बर्फीले क्षेत्र लद्दाख में रसद में भी क्रांति लाएगा. भारत और चीन, दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश, दक्षिण एशिया में रणनीतिक प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाले कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं. 2020 में उनके सैनिकों के बीच झड़प हुई, जिसमें कम से कम 20 भारतीय और चार चीनी सैनिक मारे गए, और आज दोनों पक्षों की सेनाएँ विवादित उच्च-ऊंचाई वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में आमने-सामने हैं. यह रेलमार्ग भारतीय सेना की उत्तरी कमान के मुख्यालय, उधमपुर के गैरीसन शहर से शुरू होता है और उत्तर में श्रीनगर तक जाता है."

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com