विज्ञापन
This Article is From Apr 17, 2025

रॉ के पूर्व चीफ ने फारूख अब्दुल्ला को क्यों बताया कश्मीर में सबसे बड़ा राष्ट्रवादी?

एनडीटीवी से खास बातचीत में एएस दुलत ने अपनी किताब को लेकर कई खुलासे किए. पूर्व रॉ प्रमुख ने ने यह दावा किया कि फारूक अब्दुल्ला ने बाहर तो 370 हटाए जाने का विरोध किया, लेकिन भीतर से इस फैसले का समर्थन किया था. अब्दुल्ला मायूस थे कि उन्हें भरोसे में नहीं लिया गया. फारूक से ज्यादा बड़ा राष्ट्रवादी कश्मीर में कोई नहीं है. 

रॉ के पूर्व प्रमुख एएस दुलत की नई किताब 'द चीफ मिनिस्टर एंड द स्पाई' कश्मीर पर लिखी गई है और इसके दावों को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस किताब में दुलत ने दावा किया है कि फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र के कदम का निजी तौर पर समर्थन किया था, जबकि सार्वजनिक रूप से इसका विरोध किया था.

एनडीटीवी से खास बातचीत में एएस दुलत ने अपनी किताब को लेकर कई खुलासे किए. पूर्व रॉ प्रमुख ने ने यह दावा किया कि फारूक अब्दुल्ला ने बाहर तो 370 हटाए जाने का विरोध किया, लेकिन भीतर से इस फैसले का समर्थन किया था. अब्दुल्ला मायूस थे कि उन्हें भरोसे में नहीं लिया गया. फारूक से ज्यादा बड़ा राष्ट्रवादी कश्मीर में कोई नहीं है. 

एएस दुलत ने स्पष्ट किया है कि उनकी किताब में यह नहीं कहा गया है कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 हटाने के विरोध में नहीं थे. दुलत के अनुसार, फारूक अब्दुल्ला ने उनसे कहा था, "कर लो अगर करना है," लेकिन साथ ही उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाया. दुलत ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला हमेशा दिल्ली के साथ रहे हैं, हमेशा हिंदुस्तान के साथ रहे हैं, तो इसके बदले हमें यही मिला कि हमें बंद कर दिया गया और हमें कुछ बताया भी नहीं गया.

दुलत ने कहा कि जब धारा 370 हटाया गया, तो उसे दो दिन पहले तो फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और जस्टिस मसूदी पीएम से मिले थे. तब कह रहे हैं कि हमें कुछ नहीं बताया गया था. अब कौन सच्चा है और कौन झूठा मुझे क्या मालूम.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com