देश के बड़े शहरों के साथ-साथ अब छोटे शहरों में भी बहुमंजिला इमारतों की तादाद बढ़ती जा रही है. इन इमारतों के फ्लैटों में रहनेवाले लोग अपने घर को हर तरीके से सजाते हैं और ये सजावट उनकी बालकनी तक भी होती है. अपनी बालकनी में वे गमलों में अपनी पसंद के फूल, पौधे लगाते हैं. साथ ही लोग अपने फ्लैट की बालकनी के करीब AC भी लगाते हैं लेकिन तेज हवा और लोगों की लापरवाही से गमलों और AC के गिरने का खतरा बना रहता है और देश के कुछ शहरों में ऐसे हादसे हुए हैं जिसमें लोगों की मौत भी हुई है. जिसपर कानूनी कार्रवाई भी हुई है.
ऐसे में जरूरत है कि हम बालकनी में गमलों को लगाने और AC के फ्रेम फिट कराने में एहतियात बरतें ताकि कोई हादसा न हो. इसी को लेकर आज की एनडीटीवी की मुहिम है. जिसका नाम बालकनी से गमला हटाओ है.

हम अपनी इस मुहिम के लिए देश के कई शहरों की बहुमंजिला इमारतों में गए और वहां के रहवासियों से बात की. साथ ही हमने RWA से भी नियमों पर बात की और कानून के जानकारों से भी उनकी राय ली. आज की हमारी मुहिम के लिए हमारे सहयोगियों ने देश के कई छोटे बड़े शहरों की सोसाइटियों का जायजा लिया और उन्होंने वहां रह रहे लोगों से उनकी परेशानी पर बात की.
लखनऊ से रणवीर सिंह, गुरुग्राम से रवीश रंजन, गाजियाबाद से पल्लव मिश्रा, नोएडा से मानसी जोशी, मुंबई से सुजाता द्विवेदी, वाराणसी से पीयूष आचार्य और प्रयागराज से दीपक गंभीर की रिपोर्ट हम इस मुहीम में आपतक लेकर आए हैं. NDTV के 'बालकनी से गमला हटाओ' अभियान के तहत हमने यूपी की राजधानी लखनऊ में भी पड़ताल की.
लखनऊ में कई हाईराइज बिल्डिंग में लोगों ने गमले लगाए हुए हैं. कुछ लोगों ने लोहे के फ्रेम में गमले रखे हैं तो कुछ ने बालकनी की दीवार पर ही गमले रख दिए हैं.

बालकनी से गमला हटाओ मुहिम की पड़ताल के लिए हमारे सययोगी रवीश रंजन शुक्ला पहुंचे गुरुग्राम और उन्होंने वहां की सोसाइटी का हाल दिखाया और सोसायटी के RWA से जुड़े लोगों से बात भी की जिन्होंने अपनी समस्याएं भी बताईं और उसके लिए जो एहतियात बरते जा रहे हैं उस पर भी बात की. गौतमबुद्ध नगर यानी नोएडा में भी बड़ी संख्या में हाइराइज सोसायटी है. यहां की बड़ी आबादी फ्लैट्स में रहती है. हमारी आज की मुहिम बालकनी से गमला हटाओ को लेकर हमारे सहयोगी पल्लव मिश्रा पहुंचे नोएडा की एक सोसायटी में. उन्होंने वहां का हाल दिखाया और वहां रह रहे लोगों से बात की.
गाजियाबाद की तरह गौतमबुद्ध नगर में भी बड़ी-बड़ी हाई राइज बिल्डिंग वाली सोसाइटीज हैं, यहां भी बड़ी आबादी फ्लैट्स में रहती है लेकिन क्या यहां पर भी गाजियाबाद जैसी स्थिति है. दिल्ली से सटा और गाजियाबाद के बगल का इलाका नोएडा भी ऊंची- ऊंची बिल्डिंग वाली सोसाइटी से भरा पड़ा है. यहां पर भी हमने कई हाई राइज बिल्डिंग वाली सोसाइटी की पड़ताल की. नोएडा में भी गाजियाबाद जैसी स्थिति है. यहां भी लोगों ने अपनी बालकनी में गमले रखे हैं लेकिन ज्यादातर लोगों ने उसे सुरक्षित तरीके से रखा है, और प्रयास किया है कि अपनी बालकनी को कवर किया जाए ताकि तेज हवा और तूफान आने पर कोई दुर्घटना ना हो.

हालांकि, गाजियाबाद की तरह गौतमबुद्ध नगर के प्रशासन ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है कि बालकनी से गमले हटाए जाएं लेकिन फिर भी ज्यादा सोसाइटीज के आरडब्ल्यूए ने इसको लेकर लोगों को जागरूक भी किया है और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए सभी से यह अपील की है कि अपने बालकनी में सुरक्षित तरीके से ही गमले रखें. गाजियाबाद और नोएडा में पिछले कुछ समय में ऐसे मामले सामने आए हैं जब बालकनी में रखे गमले की वजह से दुर्घटना हुईं है. ऐसे में उन घटनाओं से सबक लेते हुए अब लोग इस बात का ख्याल रख रहे हैं कि बालकनी में गमले या भारी सामान रखने की वजह से कोई दुर्घटना ना हो लेकिन कई सोसाइटी ऐसी हैं जहां पर लोग नियम नहीं मान रहें और ये अन्य लोगों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या अन्य लोग भी समझदारी दिखाएंगे या उन्हें मनवाने के लिए जिला प्रशासन को कड़े कदम उठाने पड़ेंगे.

बहुमंजिला इमारतों और सोसायटियों की बालकनी में हैंगिंग फ्लावर पॉट्स और दीवारों पर रखे गमलों को लेकर सोसायटियों में बहस छिड़ी है. वहीं नर्सरी संचालक और उनके कर्मचारी बताते हैं कि ऐसे गमलों के और भी सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं. हम अपनी मुहिम बालकनी से गमला हटाओ के मुद्दे पर बात करने के लिए पहुंचे मुंबई की एक नर्सरी में. जहां नर्सरी चलाने वालों ने हमें बताया कि घरों में सजावट के लिए जमीन पर रखे जाने वाले गमले, रेलिंग क्लिप्स और वर्टिकल गार्डन जैसी कई सुरक्षित और सुंदर विकल्प अपनाए जा सकते हैं.
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