- बिहार में RJD को मिली हार के बाद लालू परिवार में बवाल मचा है, रोहिणी आचार्या ने परिवार छोड़ने की बात कही है.
- रोहिणी ने सोशल मीडिया पोस्ट में संजय यादव और रमीज नेमत खान का नाम लिया, जो तेजस्वी के करीबी माने जाते हैं.
- रमीज नेमत खान, यूपी के पूर्व सांसद के दामाद हैं और तेजस्वी यादव की कोर टीम के सदस्य हैं.
Lalu Family Crisis: बिहार में RJD को मिली करारी हार के बाद लालू के परिवार और उनकी पार्टी में बवाल मचा है. इस बवाल की सबसे बड़ी झंडाबरदार लालू को दूसरा जीवन देने वाली उनकी बेटी रोहिणी आचार्या (Rohini Acharya) हैं. रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया पोस्ट के साथ-साथ मीडिया से बात करते हुए परिवार छोड़ने की बात कही है. रोहिणी ने इस फैसले का पहला ऐलान सोशल मीडिया पर किया. उन्होंने अपने पोस्ट में दो लोगों ने नाम लिए. एक संजय यादव (Sanjay Yadav) दूसरा रमीज (Rameez RJD). हरियाणा के संजय यादव राजद के राज्यसभा सांसद हैं. संजय को तेजस्वी का सबसे करीबी कहा जाता है. लेकिन दूसरा ये रमीज कौन हैं?
रमीज का पूरा रमीज नेमत खान
रोहिणी ने जिस रमीज का जिक्र अपने सोशल मीडिया पोस्ट और बयान में किया, उसका पूरा रमीज नेमत खान है. रोहिणी द्वारा रमीज का नाम लेने के बाद यह नाम अब चर्चा में है, क्योंकि न तो मीडिया में और न ही बिहार की राजनीति में रमीज़ अब तक सुर्खियों में रहे थे.

रमीज नेमत खान, यूपी के पूर्व सांसद के दामाद हैं.
रमीज तेजस्वी के पुराने दोस्त, उनकी कोर टीम का हिस्सा
रमीज नेमत खान, तेजस्वी यादव के पुराने दोस्त और उनकी कोर टीम का हिस्सा हैं. क्रिकेट के मैदान से सियासत तक दोनों की दोस्ती चली है. राष्ट्रीय जनता दल से और यूपी के बलरामपुर इलाके से जुड़े लोगों के मुताबिक, रमीज़ नेमत खान, राजद और तेजस्वी यादव की सोशल मीडिया और कैंपेनिंग टीम की मॉनिटरिंग करते हैं.
बलरामपुर के पूर्व सांसद के दामाद हैं रमीज
रमीज का संबंध उत्तर प्रदेश से है. वह बलरामपुर लोकसभा क्षेत्र (अब श्रावस्ती) के पूर्व सांसद रिजवान ज़हीर खान के दामाद हैं. इनके ससुर समाजवादी पार्टी की टिकट पर दो बार सांसद और बहुजन समाज पार्टी व सपा की टिकट पर व एक बार निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर विधायक भी रहे हैं.
रमीज की सास भी यूपी में लड़ चुकी है विधानसभा का चुनाव
रिज़वान जहीर सबसे कम उम्र के विधायक भी रहे हैं. उनकी पत्नी जेबा रिजवान, दो बार तुलसीपुर विधानसभा से चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन दोनों ही बार हार का सामना करना पड़ा था. वह दोनों बार दूसरे नंबर पर रही हैं. पहली बार उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा. जबकि दूसरी बार वह जेल में बंद रहते हुए निर्दलीय रूप से तुलसीपुर विधानसभा क्षेत्र की प्रत्याशी रहीं हैं.

चुनावी हिंसा, हत्या सहित 11 केसों का आरोपी है रमीज
रमीज़ के खिलाफ पहला मामला 2021 में तुलसीपुर क्षेत्र में जिला पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है. इस दौरान उनके ऊपर कांग्रेस नेता दीपांकर सिंह व उनके लोगों पर हमला करने का आरोप लगा था. इसके बाद 2022 में तुलसीपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष फिरोज़ पप्पू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में रमीज़, उनकी पत्नी ज़ेबा रिज़वान और पूर्व सांसद रिजवान जहीर को गिरफ्तार किया गया था, उनके साथ तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था.
बताया जाता है कि फ़िरोज़ पप्पू की यह हत्या निर्मम तरीके गला रेत कर की गई थी. कई मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है, जबकि कुछ केस अभी भी लंबित हैं. रमीज़ के खिलाफ बलरामपुर में नौ और कौशांबी में दो केस दर्ज हैं.
2023 में प्रतापगढ़ में ठेकेदार की हत्या मामले में भी आया था नाम
इसके साथ ही रमीज़ नेमत खान पर कई अन्य गंभीर आरोप भी हैं. साल 2023 में प्रतापगढ़ में एक ठेकेदार शकील खान की हत्या के मामले में उनका नाम सामने आया. शकील खान की लाश, कुशीनगर में एक रेलवे ट्रैक के किनारे प्राप्त हुई थी, जिसमें रमीज खान को उनकी बीवी की तहरीर पर आरोपी बनाया गया था.

योगी सरकार ने कुर्क की थी करोड़ों की संपत्ति
उसी साल योगी सरकार ने रमीज़ के नाम खरीदी गई लगभग 4.75 करोड़ रुपये की जमीन कुर्क कर दी. 22 जुलाई 2024 को उन्हें गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार किया गया, हालांकि अप्रैल 2025 में उन्हें जमानत मिली. बाद में रमीज़ और उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके बाद अदालत ने आदेश दिया कि उनकी गिरफ्तारी या किसी नए मुकदमे से पहले स्थानीय अदालत की अनुमति लेनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मिली है राहत
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही रमीज नेमत खान और उनकी पत्नी ज़ेबा रिजवान को उत्तर प्रदेश पुलिस और अन्य लोगों से जुड़े तमाम मामलों में राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है उनके ऊपर तब से लेकर अब तक कोई नया मुकदमा पंजीकृत नहीं किया गया है.
पिता प्रोफेसर, जामिया से की है पढ़ाई
रमीज़ का जन्म 14 नवंबर 1986 को हुआ. उनके पिता नेमतुल्लाह खान, जामिया मिल्लिया इस्लामिया में प्रोफेसर हैं. रमीज़ ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड से स्कूली पढ़ाई की और जामिया से बीए और एमबीए किया. वह बचपन से क्रिकेटर रहे हैं और दिल्ली तथा झारखंड की कई आयु वर्ग की टीमों में खेल चुके हैं.

2008-09 में क्रिकेट के मैदान से तेजस्वी से हुई दोस्ती
2008–09 में वह झारखंड अंडर-22 टीम के कप्तान भी रहे. इसी दौरान तेजस्वी यादव से उनकी दोस्ती हुई, जो आगे चलकर राजनीति तक पहुंची. 2016 में वह राजद से जुड़े और तब से तेजस्वी यादव की टीम का अहम हिस्सा बने हुए हैं.
राजद, तेजस्वी यादव और लालू यादव परिवार से जुड़े इन विवादों से फिलहाल रमीज नेमत खान का कितना रिश्ता और गहरा तालुका है? यह आने वाला वक्त ही बताएगा? फिलहाल, आजकल की सुर्खियों में रमीज नेमत खान एक बार फिर बने हुए हैं.
(बलरामपुर से योगेंद्र त्रिपाठी का इनपुट)
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