भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को प्रगति मैदान परियोजना में देरी के बाद इसे पूरा करने के लिए नियुक्त किया गया था और अब उन्हें एनटीए का अतिरिक्त प्रभार तब तक के लिए सौंप दिया गया है, जब तक एनटीए के नियमित पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं हो जाती है. बता दें कि केंद्र सरकार ने प्रतियोगी परीक्षाओं नीट और नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर उठ रहे विवाद के बीच यह फैसला लिया है. प्रदीप सिंह खरोला, वर्तमान महानिदेशक सुबोध सिंह की जगह लेंगे.
संभाल चुके हैं एयर इंडिया की जिम्मेदारी
इससे पहले एयरलाइन के निजीकरण से पहले खरोला ने एयर इंडिया की जिम्मेदारी भी संभाली थी. वह एयर इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे. उन्हें ऐसे समय में एयर इंडिया का प्रमुख बनाया गया था जब सरकार राष्ट्रीय विमानन कंपनी के रणनीतिक विनिवेश की रूपरेखा को अंतिम रूप दे रही थी. उन्होंने बैंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (बीएमआरसी) के प्रबंध निदेशक के रूप में भी काम किया है.
1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं खरोला
खरोला कर्नाटक के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वह 2012-13 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव थे. वह कर्नाटक में शहरी अवसंरचना विकास एवं वित्त निगम (KUIDFC) के भी प्रमुख रहे हैं, जो शहरों में अवसंरचना निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से धन जुटाता है. 62 वर्षीय प्रदीप सिंह खरोला ने राष्ट्रीय प्रशासनिक सुधार आयोग के संयुक्त सचिव के रूप में भी काम किया है.
पब्लिक ट्रांसपोर्ट कंपनियों को घाटे से निकालने के एक्सपर्ट हैं खरोला
अपने दशकों लंबे करियर में खरोला ने शहरी शासन, शहरी सार्वजनिक परिवहन और नीति-निर्माण में अनुभव प्राप्त किया है. माना जाता है कि वह पब्लिक ट्रांसपोर्ट कंपनियों को घाटे से निकालकर मुनाफे में लाने में एक्सपर्ट हैं. उन्होंने साल 2000 में बैंगलुरु की सिटी बस सर्विस, बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को घाटे से निकाला था और उसे मुनाफे में लेकर आए थे.
2012 में राष्ट्रीय पुरस्कार से किया गया था सम्मानित
वर्ष 2012 में उन्हें ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वहीं 2013 में उन्हें प्रधानमंत्री का उत्कृष्ट लोक प्रशासन पुरस्कार भी मिला था. उत्तराखंड के मूल निवासी खरोला ने 1982 में इंदौर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने 1984 में आईआईटी दिल्ली से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था और उन्होंने इसमें टॉप भी किया था. इसके अलावा, उन्होंने मनीला, फिलीपींस में एशियाई प्रबंधन संस्थान से विकास प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की है.
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