Laila Khan murder case : बॉलीवुड की बी और सी ग्रेड फिल्मों में काम करने वाली लैला खान उर्फ रेशमा नादिरशाह पटेल (Laila Khan alias Reshma Nadirshah Patel) को लंबे इंतजार के बाद इंसाफ मिलने का रास्ता साफ हो गया. महज 30 साल की उम्र में उसके ही सौतेले पिता परवेज इकबाल टाक (Parvez Iqbal Tak) ने उसकी हत्या कर दी थी. वह लैला की मां का तीसरा पति है और उसकी उम्र उस समय 29 साल थी. इसने साल 2011 की फरवरी में लैला और उसकी मां सहित 6 लोगों की हत्या कर सभी के शवों को मुंबई के इगतपुरी में लैला के फार्म हाउस में ही गाड़ दिया था. अब इस हत्याकांड में अदालत ने आरोपी परवेज इकबाल टाक को दोषी पाया है. सजा पर फैसला 14 मई को सुनाया जाएगा.
कौन थी लैला खान?
लैला खान के फिल्मी करियर की शुरुआत वर्ष 2002 में कन्नड फिल्म 'मेकअप' से हुई थी. हालांकि, उन्हें पहचान मिली राजेश खन्ना के साथ अभिनीत फिल्म 'वफा : ए डेडली लव स्टोरी' से. यह फिल्म 2008 में आई थी. हालांकि, बॉक्स ऑफिस पर यह फिल्म भी सुपर फ्लॉप रही थी. इस फिल्म की चर्चा सिर्फ इसके बोल्ड दृश्यों के कारण हुई थी. राजेश खन्ना और लैला खान के बीच कई बोल्ड दृश्य इस फिल्म में थे. इस फिल्म के फ्लॉप होने के बाद लैला सी ग्रेड फिल्मों में काम करने लगी.
इसलिए हुई थी हत्या
लैला खान और उनकी मां शेहलिना खान सहित उनके परिवार के पांच सदस्यों के लापता होने की रिपोर्ट लैला के पिता और उसकी मां के पहले पति नादिरशाह पटेल ने दर्ज कराई थी. शेहलिना खान (59), उनकी बड़ी बेटी अजमीना पटेल (32), दूसरी बेटी लैला (30), जुड़वां बच्चे जारा और इमरान (25) और एक अन्य रिश्तेदार रेशमा सगीर खान उर्फ टल्ली (19) की हत्या कर शवों को टाक ने फार्म हाउस में गाड़ दिया था. डीएनए परीक्षण के बाद कंकालों की पहचान हो सकी थी. टाक ने कथित तौर पर पुलिस को बताया था कि उसे अपनी पत्नी की उसके दूसरे पति आसिफ शेख से निकटता पसंद नहीं थी. हालांकि, पुलिस ने हत्या की वजह संपत्ति का विवाद होने की आशंका से भी इनकार नहीं किया था.
इस तरह हुई हत्या
टाक ने गवाही के दौरान घटनाक्रम बताते हुए कहा, “8 फरवरी को सभी ने बारबेक्यू किया. रात लगभग 1 बजे फार्महाउस की पहली मंजिल पर अपने कमरे में जाने से पहले उन्होंने संगीत पर डांस किया. कुछ देर बाद शेहलीना और उसके बीच तीखी नोकझोंक होने लगी. वे नीचे ग्राउंड फ्लोर पर आए और इसी दौरान उसने शेहलीना के सिर पर किसी कुंद वस्तु से वार किया. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई और उसकी मौत हो गई. चीखें सुनकर अन्य लोग नीचे आ गए. उनसे भी मारपीट होने लगी तो मैंने शाकिर हुसैन को आवाज लगाई. शाकिर को मैं दो महीने पहले कश्मीर से फार्महाउस का चौकीदार बनाने के लिए लाया था. फिर हमने सभी की हत्या कर दी."
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