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This Article is From Aug 26, 2022

"दिल्ली जब आने लगा तो मुझे सावधान रहने को कहा गया, लेकिन...": निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण

भारत के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल एक "लॉन्च पैड" था जिसकी मदद से मैं एक सफल CJI बन सका.

"दिल्ली जब आने लगा तो मुझे सावधान रहने को कहा गया, लेकिन...": निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण
CJI एनवी रमना आज रिटायर हो रहै हैं.
नई दिल्ली:

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI)  एनवी रमना ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने उनके कार्यकाल के दौरान कई उच्च न्यायालयों में लगभग 224 न्यायाधीशों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय से संबंधित लगभग सभी नामों को मंजूरी दे दी गई है और उम्मीद है कि इन सिफारिशों को केन्द्र भी मंजूरी दे देगी.

न्यायमूर्ति रमना आज 26 अगस्त को सेवानिवृत्ति हो रहे हैं. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान न्यायाधीशों की नियुक्ति और बुनियादी ढांचे से संबंधित मुद्दों पर ध्यान दिया. उन्होंने आशा व्यक्त की कि वह कानूनी बिरादरी की अपेक्षाओं पर खरे उतरे.

"मुझे उम्मीद है कि मैं उस उम्मीद पर खरा उतरा जिसकी आपने मुझसे उम्मीद की थी. मैंने मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कर्तव्यों का हर संभव तरीके से निर्वहन किया. जैसा कि आप सभी जानते हैं मैंने दो मुद्दों को उठाया है-- बुनियादी ढांचा और न्यायाधीशों की नियुक्ति. सुप्रीम कोर्ट और कॉलेजियम में मेरे भाई और बहन जजों द्वारा दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद औऱ हमने उच्च न्यायालयों में लगभग 224 न्यायाधीशों को सफलतापूर्वक नियुक्त किया," निवर्तमान CJI ने दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा उन्हें विदाई देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा.

दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति पर बोलते हुए  न्यायमूर्ति रमना  ने कहा,” मुझे लगता है कि अब हमने एक या दो नामों को छोड़कर लगभग सब कुछ क्लियर कर दिया है. मुझे उम्मीद है कि सरकार उन नामों को भी क्लियर भी कर देगी." न्यायमूर्ति रमना सितंबर 2013 से फरवरी 2014 तक दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है.

उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के जजों की कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए कहा, "जज रात के 7-8 बजे तक चेंबर में कड़ी मेहनत करते थे. वे सुबह आते हैं (और) वे रात 8 बजे तक काम करते हैं. कभी कभी तो रात के 9 बजे तक. मुझे आश्चर्य हुआ. आम तौर पर दूसरे जगहों पर  न्यायाधीश 4 बजे तक चले जाते हैं."

CJI ने कहा, "मुझे कभी भी किसी हड़ताल या किसी धरने या किसी भी अप्रिय परिस्थिति का सामना करने का अवसर नहीं मिला. यह सबसे बड़ी उपलब्धि है क्योंकि उन्होंने मुझे पहले चेतावनी दी थी कि आप दिल्ली जा रहे हैं तो , आपको धरना और हड़ताल की तैयारी करनी चाहिए. ऐसा कभी नहीं हुआ," CJI ने कहा. .

उन्होंने कहा कि दिल्ली जाने से पहले उन्हें "सावधान रहने के लिए" कहा गया था क्योंकि उन्हें बताया गया था कि "वहां के लोग बहुत संस्कारी, जानकार और  आक्रामक हैं, लेकिन उन्हें सभी से स्नेह और प्रोत्साहन मिला.

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