पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह छह साल पहले पंजाब विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग आए थे और उस दौरान उन्होंने एक छात्र के तौर पर अपने सफर की शुरुआत तथा बाद में वहीं वरिष्ठ व्याख्याता बनने तक की यात्रा को याद किया था. मनमोहन सिंह अप्रैल 2018 में पहला एस बी रंगनेकर स्मारक व्याख्यान देने के लिए आए थे. व्याख्यान के बाद वह अपनी पत्नी गुरशरण कौर के साथ अर्थशास्त्र विभाग आए थे और उन्होंने वहां छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ बातचीत भी की थी.
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यूनिवर्सिटी कुलपति ने क्या कहा
कुलपति प्रोफेसर रेणु विज ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘ हम अपने प्रख्यात पूर्व छात्र और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन से बहुत दुखी हैं.'' विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति विज ने कहा, ‘‘ एक शिक्षाविद, अर्थशास्त्री और नेता के रूप में उनकी विरासत पंजाब विश्वविद्यालय और हमारे राष्ट्र के इतिहास में हमेशा दर्ज रहेगी.'' पंजाब विश्विद्यालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार सिंह की यात्रा उत्कृष्टता और समर्पण से भरी रही.
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पढ़ाई में भी अव्वल रहें भारत के पूर्व पीएम
बयान में उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए कहा गया है कि उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री (1952), अर्थशास्त्र में परास्नातक की डिग्री (1954) प्राप्त की, जिसमें वे अपनी कक्षा में प्रथम स्थान पर रहे. उनके संकाय योगदान के बारे में विश्वविद्यालय ने कहा कि वह वरिष्ठ व्याख्याता (1957-1959), अर्थशास्त्र में रीडर (1959-1963) और प्रोफेसर (1963-1965) रहे. सिंह ने गुरु तेग बहादुर भवन पुस्तकालय को अपने निजी संग्रह से बड़ी संख्या में पुस्तकें दान की थीं.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं