Manmohan Singh Last Press Conference As PM: 3 जनवरी, 2014 को प्रधानमंत्री के रूप में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. मनमोहन सिंह ने एक टिप्पणी की थी, जो पिछले एक दशक में कई बार सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है. उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीटीवी के सुनील प्रभु ने डॉ. मनमोहन सिंह से पूछा था कि आप पर आरोप लग रहा है कि आप अपने मंत्रियों पर लगाम लगाने में असमर्थ रहे. आप परिस्थितियों को हाथ से बाहर जाने दिया. आप पॉलिटिकली फेल हो गए और भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई करने की बजाए दूसरे लोगों को इसे रोकने के लिए कहते रहे. इसका जवाब देते हुए डॉ. सिंह ने मुस्कुराते हुए कहा था, 'मैं ईमानदारी से मानता हूं कि इतिहास मेरे प्रति समकालीन मीडिया या संसद में विपक्षी दलों की तुलना में अधिक दयालु होगा.'
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मनमोहन सिंह ने कहा, 'मैं उन सभी चीजों का खुलासा नहीं कर सकता, जो सरकार की कैबिनेट में तय होती है. मुझे लगता है कि परिस्थितियों और गठबंधन राजनीति की मजबूरियों को ध्यान में रखते हुए, मैंने सबसे अच्छा किया है, जो मैं इन परिस्थितियों में कर सकता था.'
उस समय, यूपीए-2 सरकार अपने कई मंत्रालयों में भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही थी, जो 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के सत्ता में आने का एक प्रमुख कारण था.
92 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने आज अंतिम सांस ली. वह कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे. एम्स ने एक बयान में कहा कि डॉ. सिंह का उम्र संबंधी बीमारियों के चलते इलाज चल रहा था. आज वह घर में बेहोश हो गए. उन्हें एम्स में रात आठ बजकर छह मिनट पर मेडिकल इमरजेंसी में भर्ती कराया गया था. तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और रात नौ बजकर 51 मिनट पर उनके निधन की घोषणा कर दी गई.
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