फ्रांस में फंसे भारतीयों के साथ अब क्या होगा...? कोर्ट में आज मामले की सुनवाई

भारत ने शनिवार को कहा कि वह 303 लोगों को लेकर निकारागुआ जा रहे एक विमान को फ्रांसीसी अधिकारियों द्वारा ‘मानव तस्करी’ के संदेह में पेरिस के नजदीक स्थित एक हवाई अड्डे पर तकनीकी पड़ाव के दौरान रोके जाने के बाद स्थिति के शीघ्र समाधान के लिए फ्रांसीसी सरकार के साथ काम कर रहा है.

फ्रांस में फंसे भारतीयों के साथ अब क्या होगा...? कोर्ट में आज मामले की सुनवाई

फ्रांसीसी कानून में मानव तस्करी के मामलों में 20 साल की जेल की सजा हो सकती है

नई दिल्ली/पेरिस:

फ्रांस में "मानव तस्करी" के संदेह में शनिवार को स्थानीय अधिकारियों द्वारा विमान को रोक दिए जाने के बाद नाबालिगों सहित कई भारतीय मार्ने स्थित शैलन्स वैट्री हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं. दुबई से निकारागुआ जाने वाले चार्टर विमान में 303 लोग सवार थे, जिनमें से अधिकांश भारतीय हैं. इसे शनिवार को पेरिस के पास वैट्री हवाई अड्डे पर तकनीकी रुकावट के दौरान रोक दिया गया था. फ्रांसीसी न्यायाधीश, जिनके पास यात्रियों की हिरासत को आठ दिनों तक बढ़ाने का अधिकार है, आज मामले की सुनवाई करने वाले हैं. 

यदि कोई विदेशी नागरिक देश में उतरता है, तो फ्रांसीसी सीमा पुलिस उसे चार दिनों तक रोक सकती है और आगे यात्रा करने की अनुमति नहीं देती है. किसी न्यायाधीश द्वारा असाधारण मामलों में इसे कई बार आठ दिनों के लिए और कुल मिलाकर 26 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है. फ्रांस में भारतीय दूतावास ने कांसुलर पहुंच प्राप्त कर ली है और स्थिति का आकलन कर रहे हैं. इसने कहा कि वह हवाई अड्डे पर फंसे भारतीयों को निकालने के लिए फ्रांसीसी सरकार से बात कर रहा है.

शरण के लिए अनुरोध...

समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 10 भारतीय यात्रियों ने शरण के लिए आवेदन किया है. वहीं, छह नाबालिगों ने भी शरण के लिए आवेदन करने में रुचि व्यक्त की है. पेरिस में अभियोगपक्ष का वकील के अनुसार, विमान में कम से कम 11 नाबालिग सवार हैं. फंसे हुए यात्रियों को अस्थायी बिस्तर और शौचालय और शॉवर जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. एक अधिकारी ने कहा, उन्हें वैट्री हवाईअड्डे पर भोजन और गर्म पेय पद्धार्थ दिये जा रहे हैं. 
बता दें कि पूर्वी फ्रांस में वैट्री, पेरिस से लगभग 150 किमी दूर है और हवाई अड्डा ज्यादातर बजट एयरलाइनों को सेवा प्रदान करता है. रोका गया विमान एयरबस A340 लीजेंड एयरलाइंस नामक रोमानियाई चार्टर कंपनी का है. 
पेरिस अभियोजक ने कहा कि यह कार्रवाई एक गुमनाम सूचना के बाद हुई कि विमान में सवार कुछ यात्री "मानव तस्करी के शिकार" थे. एक विशेष इकाई द्वारा दो लोगों को हिरासत में लिया गया और उनसे पूछताछ की गई.
फ्रांसीसी कानून में मानव तस्करी के मामलों में 20 साल की जेल की सजा हो सकती है. एक वकील ने दावा किया कि वह लीजेंड एयरलाइंस का प्रतिनिधित्व करती है, उन्‍होंने बताया कि कंपनी का मानना ​​​​है, उसने कुछ भी गलत नहीं किया है, कोई अपराध नहीं किया है और वह फ्रांसीसी अधिकारियों के संपर्क में है." उन्होंने कहा कि अगर आरोप दायर किए गए तो एयरलाइन कानूनी कार्रवाई करेगी.

भारतीय दूतावास लोगों के बीच पहुंचे...

फ्रांस में स्थित भारतीय दूतावास ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "फ्रांसीसी अधिकारियों ने हमें सूचित किया कि दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 लोगों, जिनमें अधिकतर भारतीय मूल के लोग हैं, को एक फ्रांसीसी हवाई अड्डे पर विमान के तकनीकी पड़ाव के दौरान हिरासत में लिया गया है. दूतावास की टीम पहुंच गई है और भारतीय नागरिकों के लिए राजनयिक पहुंच प्राप्त कर ली है. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं, साथ ही यात्रियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहे हैं."

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