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कहीं आप भी तो नहीं खा रहे 'चीनी लहसुन', सेहत के लिए हानिकारक इस लहसुन की ये है पहचान

सब्‍जी मंडियों में इन दिनों चीनी लहसुन भी बिक रहा है, जो 2014 से भारत में प्रतिबंधित है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब चीनी लहसुन की बिक्री को लेकर सरकार से जवाब मांगा है.

कहीं आप भी तो नहीं खा रहे 'चीनी लहसुन', सेहत के लिए हानिकारक इस लहसुन की ये है पहचान
अदालत ने सरकारी अधिकारियों से पूछा कि प्रतिबंधित 'चीनी लहसुन' बाजार में कैसे उपलब्ध है?
नई दिल्‍ली:

लहसुन के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं. इस बीच सब्‍जी बाजारों में 'चीनी लहसुन' भी खुलेआम बिक रहा है, जिस पर भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है. ये चीनी लहसुन सेहत के लिए खतरनाक है, जिसकी वजह से इसकी बिक्री पर बैन लगा रखा है. हाल ही में चीनी लहसुन की बिक्री का मुद्दा इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा. इसके बाद अदालत ने सरकारी अधिकारियों से पूछा कि प्रतिबंधित 'चीनी लहसुन' बाजार में कैसे उपलब्ध है? कहीं, आप भी तो अपनी रसोई में चीनी लहसुन नहीं ला रहे हैं. चीनी और भारतीय लहसुन में बहुत बारीक अंतर होता है, जिसकी वजह से आमतौर पर लोग धोखा खा जाते हैं.       

चीन और भारतीय लहसुन में 6 बड़े अंतर

  1. दिल्‍ली के सब्‍जी बाजरों में भी इन दिनों कहीं-कहीं चमकदार और बड़ा लहसुन देखने को मिल रहा है, जो सेहत के लिए खतरनाक है, क्‍योंकि ये चाइनीज लहसुन है.  
  2. चीन का लहसुन, देसी लहसुन से साइज में काफी बड़ा होता है. ये मान कर चलिए कि देसी लहसुन की 4 कलियां और चीनी लहसुन की एक कली लगभग बराबर होती है. 
  3. देसी लहसुन की कलियां या तुरी बारीक और पतली होती हैं, वहीं चाइनीज लहसुन की कलियां खिली हुईं और मोटी होती हैं. 
  4. चाइनीज लहसुन कैमिकल्‍स के इस्‍तेमाल से बनता है. इसमें सिंथेटिक प्रोसेस का इस्‍तेमाल होता है, इसलिए यह एकदम सफेद, साफ और चमकदार होता है. इसके विपरीत देसी लहसुन कुछ क्रीम या पीलापन लिए हुए होता है.
  5. चीनी लहसुन को काटने पर इसमें गंध बेहद कम आती है. वहीं, देसी लहसुन की गंध बहुत तेज होती है, जिसे काफी दूर से भी सूंघा जा सकता है.  
  6. देसी लहसुन को छीलने में काफी परेशानी होती है, और इसका छिलका हाथों में काफी चिपकता है. लेकिन देसी लहसुन का छिलका काफी आसानी से हट जाता है और हाथों में चिपकता भी नहीं है. 

फिर एक बार कैसे उठा 'चीनी लहसुन' का मुद्दा?

इलाहाबाद हाई कोर्ट में शुक्रवार को याचिकाकर्ता ने प्रतिबंधित लहसुन को पेश किया. याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रतिबंधित चीनी लहसुन इन दिनों बाजारों में खुलेआम बिक रहा है. इसके बाद अदालत ने केंद्र सरकार से देश में चीनी लहसुन पर प्रतिबंध से संबंधित आदेश पेश करने को कहा और यह भी बताने को कहा कि चीन से उक्त प्रतिबंधित लहसुन के आयात को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं. मामले की अगली सुनवाई एक अक्टूबर को होगी. न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओ पी शुक्ला की पीठ ने स्थानीय वकील मोतीलाल यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया. 

कब से बैन है चीनी लहसुन 

मामले के याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2014 में चीनी लहसुन पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि इसमें कीटनाशकों के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घोषित किया गया था, लेकिन फिर भी यह बाजार में खुलेआम बिक रहा है. शुक्रवार को जब अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि लहसुन कहां है, तो उसने कहा कि वह इसे लेकर आया है. इसके बाद अदालत की अनुमति से खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी ने इसे सील कर जांच के लिए भेज दिया. बताया जा रहा है कि चीनी लहसुन को खाने से पेट से संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं. किडनी पर भी यह लहसुन बुरा असर डालता है.

क्‍यों देसी लहसुन की जगह मार्केट में पहुंच रहा चीनी गार्लिक?

दिल्‍ली की सब्‍जी मंडियों में लहसुन की कीमत इन दिनों आसमान छू रही है. लहसुन के थोक रेट 150-240 रुपये प्रति किलोग्राम तक चल रहा है, जो रिटेल बाजार में जाकर 350 से 400 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है. इस बढ़ी कीमत की वजह से भी चीनी लहसुन की बाजार मौजूदगी बढ़ रही है, क्‍योंकि ये व्‍यापारियों को काफी सस्‍ता मिल रही है और इसमें मुनाफा काफी है. 

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