एक्साइज नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के शराब घोटाले के मामले में जमानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सुप्रीम कोर्ट मनीष सिसोदिया की सीबीआई और ईडी मामले में जमानत पर सुनवाई की. दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों मामले मे जमानत देने से इन्कार कर दिया था. 3 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जमानत देने की दोहरी शर्तों और जमानत देने के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने में सक्षम नहीं थे.
मनीष सिसोदिया की जमानत का CBI ने किया विरोध
सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत का विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा कि सिसोदिया भ्रष्टाचार के गंभीर केस के आरोपी हैं. सिसोदिया को जमानत नहीं दी जानी चाहिए. सिसोदिया ऐसे मामलों में जमानत के लिए ट्रिपल टेस्ट को पूरा नहीं करते, क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं. पहले ही सबूत नष्ट कर चुके हैं और पूछताछ के दौरान असहयोग कर रहे हैं. इसके अलावा उनकी पत्नी की बीमारी कोई नई बात नहीं है बल्कि उनका इलाज 23 साल से चल रहा है.
मनीष सिसोदिया ने ED पर बड़े सवाल उठाए
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ED पर बड़े सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट में कहा कि नई नीति से घाटा नहीं बल्कि राजस्व बढ़ा है. इस मामले में कोई मनी ट्रेल नहीं, जिनके खिलाफ सबूत थे वो भी जमानत पर बाहर है. आरोपियों को सरकारी गवाह बनने पर जमानत मिली है. उनके खिलाफ घूस की मांग और लेने के कोई दस्तावेज़ी सबूत नहीं, उनके खिलाफ आरोप गढे गए. सिंघवी ने कहा कि एलजी ने कुछ जोन में शराब की दुकानें खोलने की इजाजत नहीं देने की नीति बनाई, नीति इस आधार पर बनाई गई है कि नीलामी के बाद इसकी अनुमति दी जाएगी.
आख़िरकार ऐसा नहीं था, पहले कार्टेलाइजेशन की वजह से उन्हें 65% मुनाफा मिल रहा था. हमने सीसीटीवी और परीक्षण के साथ विश्व स्तरीय अनुभव की पेशकश की और इससे भारी राजस्व प्राप्त हुआ. हमने उन्हें बेहतर सौदा दिया लेकिन राजस्व बढ़ाने के लिए हमने लाइसेंस की कीमतें बढ़ा दीं. 23 मई को नए एलजी की नियुक्ति होती है. हम एक साल नीचे हैं, किसी ने कोई पूछताछ शुरू नहीं की. नए एलजी ने जुलाई 2022 में पत्र लिखकर अनियमितताओं का आरोप लगाया. मामला सीबीआई को भेजा गया. 17 अगस्त को सीबीआई एफआईआर, 22 अगस्त को ECIR को. करीब 8 महीने से गिरफ्तार हूं. दुर्भाग्य से राजनीति में कुछ उच्च मूल्य वाले लक्ष्य हैं जिन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए.
एक लॉबी चाहती थी कि पहले वाली व्यवस्था जारी रहे. पूर्व एजी और सीजे की राय ली गई. कथित तौर पर सरकार द्वारा नहीं बल्कि उद्योग के सदस्यों द्वारा प्राप्त किया गया. मैं हर साल अपना फोन बदलता रहा हूं, ये सब कड़वे सच हैं. पुरानी नीति में, थोक विक्रेता भी निर्माता थे और वे खुदरा दुकानें भी रखते थे. वे 65-70% तक मुनाफ़ा कमा रहे थे. नई नीति ने अनुचित मुनाफ़े की गुंजाइश सीमित कर दी और इसे 12% तक सीमित कर दिया. पुरानी नीति में बड़े पैमाने पर लीकेज थीं. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कार्यवाही का चरण क्या है? - क्या आरोप तय हो गए हैं?
सिसोदिया की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आरोप तय नहीं हुए हैं, वे पूरक आरोपपत्र दाखिल करते रहते हैं, दस्तावेजों की आपूर्ति जारी है. सीबीआई केस में 31,423 दस्तावेज और 294 गवाह हैं, अन्य में 21,685 दस्तावेज और 162 गवाह. इस मामले में कुल मिलाकर 50,000 दस्तावेज़ और 400 से अधिक गवाह हैं. ऐसे में सिसोदिया का फ्लाइट रिस्क का सवाल ही नहीं उठता. गवाहों को धमकाने की कोई संभावना नहीं. उत्पाद शुल्क नीति की पूरी बात एक समयावधि में फैला हुआ बहुपक्षीय संस्थागत निर्णय था, ये एक व्यक्ति द्वारा लिया फैसला नहीं था.
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