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वो 10 मिनट और सबकुछ तबाह... झांसी के अस्पताल में ये आखिर हुआ क्या? पूरी टाइमलाइन समझिए

Jhansi Medical College Fire: झांसी का महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात आग लगते ही वहां अफरातफरी मच गई. घबराए लोग लोग इधर-उधर दौड़ने लगे. मां-बाप बाहर चीख रहे थे और उनके जिगर के टुकड़े भीतर दम तोड़ रहे थे. अस्पताल में आखिर ये हुआ क्या?

झांसी मेडिकल कॉलेज में कैसे लगी आग.

झांसी:

उत्तर प्रदेश के झांसी का महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज शुक्रवार रात नवजातों की चीखों से गूंज (Jhansi Hospital Fire Child Death) उठा. अस्पताल के बच्चा यूनिट में अचानक आग की लपटें उठने लगीं. आग बुझाने की कोशिश करते-करते भी 10 मासूमों की जान चली गई और बड़ी संख्या में नवजात झुलस गए. शनिवार सुबह उठते ही लोगों ने जैसे ही अपने मोबाइल पर नजर डाली सबसे टॉप पर झांसी अग्निकांड की खबर थी. 10 बच्चों की मौत की खबर देखते ही मानो लोग सहम से गए. इस बीच हर कोई ये जानना चाहता है कि शुक्रवार रात को झांसी के मेडिकल कॉलेज में हुआ क्या था. अस्पताल में रात को क्या हुआ था, यहां डिटेल में जानिए.

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झांसी मेडिकल कॉलेज में रात को हुआ क्या?

50 से ज्यादा बच्चे  बच्चा वार्ड में भर्ती थे. शुक्रवार रात के करीब साढ़े 10 बज चुके थे. अस्पताल का रुटीन हर दिन की तरह ही था. स्टाफ अपने-अपने काम में व्यस्त था. डॉक्टर्स अपना काम कर रहे थे. मां-बाप इस इंतजार में थे कि कब वह अपने नन्हे-मुन्हों को घर लेकर जाएंगे. लेकिन फिर अचानक कुछ ऐसा हुआ कि अगले 10 मिनट में सबकुछ तबाह हो गया. मां-बाप की मानो दुनिया ही उजड़ गई. 

आग की लपटें, हर तरफ अफरातफरी और चीख पुकार

NICU के अंदर अचानक आग की लपटें उठने लगीं. जिससे गलियारे में धुआं भर गया. कोई समझ ही नहीं पाया कि आखिर हुआ क्या. अस्पताल में अफरा तफरी मच गई. हर तरफ चीख-पुकार का माहौल था. स्टाफ इधर-उधर दौड़ने लगा.  दरअसल अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ और आग भड़क गई. स्टाफ और वहां मौजूद लोगों ने आग को बुझाने की भरपूर कोशिश की. लेकिन देखते ही देखते आग भयंकर लपटों में तब्दील हो गई.

NICU में कैसे फैलती गई आग?

क्यों कि ज्यादातर बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे तो ये आग और तेजी से फैलने लगी. बच्चों के बेड से लेकर वहां मौजूद हर एक चीज धधकने लगी और 10 बच्चे पूरी तरह से जल गए. वहीं बड़ी संख्या में बच्चे बुरी तरह से झुल गए. वहीं बाहर जो बच्चे मौजूद थे उनको बचा लिया गया. 

खिड़की तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला

स्टाफ से लेकर मरीज और उनके तीमारदार तक सब घबराए हुए थे. खिड़की तोड़कर बच्चों के बाहर निकालने शुरू किया गया. एक प्रत्यक्षदर्शी ने वहां का मंजर बयां करते हुए कहा कि आग इतनी भीषण थी कि किसी की भी वार्ड के अंदर जाने की हिम्मत नहीं हुई. कोई भी भीतर नहीं जा सका.डॉक्टर्स भी बाहर थे. वार्ड में करीब 50 बच्चे भर्ती थे.खिड़की तोड़कर बच्चों को बाहर निकालना शुरू किया गया.

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर फट गया, आग और भड़क गई

अग्निशमन दल और राहत-बचाव टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई और काफी बच्चों को बचाया गया. झुलसे बच्चों का इलाज किया जा रहा है और जो गंभीर रूप से घायल हैं, उनकी सूचना एकत्र की जा रही है. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहोर ने बताया, "एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे. अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लगी,आग बुझाने की कोशिश की गई लेकिन कमरे में ज्यादा ऑक्सीजन होने की वजह से ये और तेजी से भड़क गई. कई बच्चों को तो बचा लिया गया लेकिन10 बच्चों की मौत हो गई.

NICU में ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे नवजात

एनआईसीयू में ज्यादा गंभीर रूप से बीमार बच्चे एडमिट थे. उनको ऑक्सीजन सपोर्टप पर रखा गया था. जबकि बाहर की यूनिट में कम गंभीर रूप से बीमार बच्चे थे. अंदर आग लगने की वजह से सबसे पहले ऑक्सीजन सपोर्ट वाले बच्चे इसकी चपेट में आ गए और उनकी जान चली गई. हालांकि तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया.

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