नई दिल्ली:
'परगाश' बैंड की एक सदस्य ने कहा कि बैंड को सर्वोच्च मुफ्ती के गैर-इस्लामिक कहने पर बंद किया गया है। एक अन्य सदस्य ने कहा कि उसने गिटार बजाना इसलिए बंद किया है क्योंकि 'कश्मीर के लोग ऐसा नहीं चाहते हैं'।
इससे पहले, कश्मीर में लड़कियों के इकलौते बैंड 'परगाश' को धमकाने के आरोप के मामले में पुलिस ने अपनी ओर से एफआईआर दर्ज कीहै। माना जा रहा है कि पुलिस जल्दी से बैंड के फेसबुल अकाउंट पर धमकियां और गाली देने वालों को गिरफ्तार कर सकती है।
बता दें कि कश्मीर में सक्रिय लड़कियों के एकमात्र बैंड 'परगाश' ने सर्वोच्च मुफ्ती की ओर से गाने को गैरइस्लामी बताए जाने और 'फतवा' जारी करने के बाद गायिकी छोड़ने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित बड़ी संख्या में लोग इन लड़कियों के समर्थन में सामने आए और उनसे गायिकी नहीं छोड़ने का आग्रह किया था। सैयद अली शाह गिलानी की अगुआई वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अलगाववादी धड़े ने भी इसके लिए सर्वोच्च मुफ्ती की आलोचना की।
इन लड़कियों ने पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में कदम रखा था लेकिन रूढ़िवादी समाज के लोगों की ओर से उन्हें ऑनलाइन धमकी दी गई और अपशब्द कहे गए। इस बैंड के करीबी सूत्रों ने बताया कि लड़कियों ने मुफ्ती के फतवे के कारण गायिकी छोड़ने का फैसला किया है।
सर्वोच्च मुफ्ती बशीरुद्दीन अहमद ने गायिकी को गैर-इस्लामिक करार देकर इसके खिलाफ फतवा जारी किया था।
गौरतलब है कि 10वीं कक्षा की छात्रा नोमा नजीर (गायिका, सह गिटारवादक), ड्रम वादक फराह दीबा और गिटारवादक अनीका खालिद ने 'परगाश' नाम का बैंड बनाकर पिछले साल दिसंबर में श्रीनगर में हुई 'बैटल ऑफ दी बैंड्स' प्रतियोगिता में जोरदार प्रस्तुति देकर पहली बार में ही सर्वोच्च प्रदर्शन का पुरस्कार हासिल किया।
इससे पहले, कश्मीर में लड़कियों के इकलौते बैंड 'परगाश' को धमकाने के आरोप के मामले में पुलिस ने अपनी ओर से एफआईआर दर्ज कीहै। माना जा रहा है कि पुलिस जल्दी से बैंड के फेसबुल अकाउंट पर धमकियां और गाली देने वालों को गिरफ्तार कर सकती है।
बता दें कि कश्मीर में सक्रिय लड़कियों के एकमात्र बैंड 'परगाश' ने सर्वोच्च मुफ्ती की ओर से गाने को गैरइस्लामी बताए जाने और 'फतवा' जारी करने के बाद गायिकी छोड़ने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित बड़ी संख्या में लोग इन लड़कियों के समर्थन में सामने आए और उनसे गायिकी नहीं छोड़ने का आग्रह किया था। सैयद अली शाह गिलानी की अगुआई वाले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अलगाववादी धड़े ने भी इसके लिए सर्वोच्च मुफ्ती की आलोचना की।
इन लड़कियों ने पुरुषों के वर्चस्व वाले क्षेत्र में कदम रखा था लेकिन रूढ़िवादी समाज के लोगों की ओर से उन्हें ऑनलाइन धमकी दी गई और अपशब्द कहे गए। इस बैंड के करीबी सूत्रों ने बताया कि लड़कियों ने मुफ्ती के फतवे के कारण गायिकी छोड़ने का फैसला किया है।
सर्वोच्च मुफ्ती बशीरुद्दीन अहमद ने गायिकी को गैर-इस्लामिक करार देकर इसके खिलाफ फतवा जारी किया था।
गौरतलब है कि 10वीं कक्षा की छात्रा नोमा नजीर (गायिका, सह गिटारवादक), ड्रम वादक फराह दीबा और गिटारवादक अनीका खालिद ने 'परगाश' नाम का बैंड बनाकर पिछले साल दिसंबर में श्रीनगर में हुई 'बैटल ऑफ दी बैंड्स' प्रतियोगिता में जोरदार प्रस्तुति देकर पहली बार में ही सर्वोच्च प्रदर्शन का पुरस्कार हासिल किया।
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