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कब है मॉनसून की विदाई, झमाझम बारिश के बाद अब 3 महीने भयंकर सर्दी, जानें मौसम का नया कैलेंडर

Weather Update: इस साल, मॉनसून 24 मई को केरल पहुंचा था, जो 2009 के बाद से भारत में इसका सबसे जल्दी आगमन था. 2009 में मानसून ने 23 मई को केरल में दस्तक दी थी. देश में अब तक मॉनसून के मौसम में 778.6 मिलीमीटर की सामान्य बारिश के मुकाबले 836.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जो सात प्रतिशत अधिक है.

कब है मॉनसून की विदाई, झमाझम बारिश के बाद अब 3 महीने भयंकर सर्दी, जानें मौसम का नया कैलेंडर
भयंकर सर्दी के लिए हो जाइए तैयार
  • उत्तर भारत में अगले 7 दिनों तक बारिश नहीं होने का अनुमान है, जबकि हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश जारी रहेगी.
  • दक्षिण-पश्चिम मानसून 15 सितंबर को उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू कर सकता है, अक्टूबर तक पूरी तरह समाप्त होगा.
  • बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में 18 सितंबर तक मूसलाधार बारिश और आंधी तूफान की संभावना बनी हुई है.
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नई दिल्‍ली:

Weather Update: देशभर में मौसम ने करवट लेना शुरू कर दिया है. बारिश का दौर भी थमता नजर आ रहा है. उत्‍तर भारत में बीते कुछ दिनों से भारी बारिश देखने को नहीं मिली है. मौसम विभाग की मानें तो अगले एक सप्‍ताह मौसम में कुछ खास बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. जम्‍मू-कश्‍मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्‍ली, पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश और राजस्‍थान में अगले 7 दिनों में बारिश होने का पूर्वानुमान नहीं है. हिमाचल प्रदेश और उत्‍तराखंड में बारिश होने का अनुमान है, तो क्‍या मॉनसून की विदाई होने जा रही है? इधर, उत्‍तर भारत में रातें कुछ ठंडी होने लगी हैं. मौसम विभाग की मानें तो इस बार कड़ाके की ठंड पड़ सकती है. सर्दियों का मौसम औसत से ज्‍यादा ठंडा रह सकता है.

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कब होगी मानसून की विदाई?

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 15 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू कर सकता है. मॉनसून आमतौर पर एक जून तक केरल में दस्तक देता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में फैल जाता है. यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से वापसी शुरू करता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से लौट जाता है. आईएमडी ने एक बताया, '15 सितंबर के आसपास पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं.' इस साल, मॉनसून आठ जुलाई की सामान्य तिथि से नौ दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया था. 2020 के बाद पहली बार पूरे देश में इतनी जल्दी मानसूनी बारिश शुरू हो गई थी. 2020 में मॉनसून 26 जून तक पूरे देश में पहुंच चुका था.

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यूपी बिहार में बारिश का अलर्ट

राजस्‍थान में मॉनूसन की वापसी भले होने जा रही है, लेकिन बिहार और उत्‍तर प्रदेश के कुछ हिस्‍सों में अभी बारिश का दौर बना हुआ है. मौसम विभाग की रिपोर्ट अनुसार, 18 सितंबर तक मूसलाधार बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने बताया कि बिहार के कई जिलों में आंधी तूफान के साथ बारिश की संभावना है. बिहार और सटे उत्तर प्रदेश के जिलों में भी भारी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने बताया कई इलाकों में हवा की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.

बादल फटे, बाढ़ आई... इस साल जमकर बरसे बदरा

इस साल, मानसून 24 मई को केरल पहुंचा था, जो 2009 के बाद से भारत में इसका सबसे जल्दी आगमन था. 2009 में मॉनसून ने 23 मई को केरल में दस्तक दी थी. देश में अब तक मॉनसून के मौसम में 778.6 मिलीमीटर की सामान्य बारिश के मुकाबले 836.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जो सात प्रतिशत अधिक है. 
उत्तर-पश्चिम भारत में 720.4 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य वर्षा 538.1 मिलीमीटर से 34 फीसदी ज्यादा है. असामान्य रूप से भारी बारिश के साथ-साथ कई चरम मौसमी घटनाएं भी दर्ज की गई हैं. पंजाब को दशकों में सबसे भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है, जहां उफनती नदियां और टूटी नहरों के कारण हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि जलमग्न हो गई और लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं. हिमालयी राज्यों में बादल फटने, अचानक आई बाढ़ और बड़े पैमाने पर भूस्खलन से व्यापक नुकसान दर्ज किया गया है। हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कई पुल और सड़कें बह गईं, जबकि जम्मू-कश्मीर में बार-बार बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं हुईं. आईएमडी ने अतिरिक्त बारिश के लिए मानसून की सक्रिय स्थिति को जिम्मेदार ठहराया है, जिसे लगातार पश्चिमी विक्षोभ से समर्थन मिला, जिससे क्षेत्र में वर्षा में वृद्धि हुई. 

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भयंकर ठंड के लिए हो जाइए तैयार!

बीते कुछ सालों से तुलना करें, तो इस बार भयंकर गर्मी और लू के थपेड़े कम झेलने को मिले. हालांकि, बारिश अनुमान के अनुसार ज्‍यादा हुई. अब ठंड भी भयंकर पड़ने वाली है. मौसम विभाग की मानें तो इस साल 'ला नीना' एक्टिव होने जा रहा है, जिससे भयंकर ठंड पढ़ने का अनुमान है. अमेरिकी नेशनल वेदर सर्विस के क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर (CPC) ने 11 सितंबर को जारी पूर्वानुमान में कहा है कि अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ला-नीना के एक्टिव होने की 71% संभावना है. इससे भारत की सर्दियां सामान्य से अधिक ठंडी रह सकती हैं.   
बता दें कि ला नीना (La Niña) एक प्राकृतिक मौसमी बदलाव है, जो प्रशांत महासागर में होता है. यह बदलाव वहां के समुद्र के पानी के तापमान (Sea Surface Temperature) से जुड़ा होता है. जब समुद्र का पानी सामान्य से ठंडा हो जाता है, तब इस स्थिति को ' ला नीना' कहा जाता है. इसका असर दुनिया भर के मौसम पर पड़ता है. इसकी वजह से कहीं बारिश बढ़ जाती है, कहीं ठंड ज़्यादा हो जाती है. 

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