संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह भारत पर पाकिस्तान में टारगेट किलिंग करने का आरोप लगाने वाली रिपोर्टों को फॉलो कर रहा है और वो दोनों देशों को बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने के लिए प्रोत्साहित करता है. भारत ने पिछले हफ्ते ब्रिटिश अखबार द गार्जियन की एक रिपोर्ट में पााकिस्तानी सबूतों का हवाला देते हुए टारगेट किलिंग के आरोपों को "झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार" बताते हुए खारिज कर दिया था.
आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करेगी लेकिन दोनों पक्षों को तनाव से बचने के लिए प्रोत्साहित करेगी. उन्होंने कहा, "हम इस समस्या से जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स को फॉलो कर रहे हैं. इन आरोपों पर हमारी कोई टिप्पणी नहीं है लेकिन निश्चित रूप से हम इस स्थिति के बीच में नहीं आने वाले हैं, हम दोनों पक्षों को तनाव से बचने और बातचीत के जरिए समाधान खोजने के लिए प्रोत्साहित करते हैं."
#WATCH | On being asked about the United States' position on Pakistan's allegations against India about carrying out state killings in Pakistan, US State Department Spokesperson Matthew Miller says, "So we have been following the media reports about this issue. We don't have any… pic.twitter.com/vwaKjkvK0Q
— ANI (@ANI) April 9, 2024
द गार्जियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारतीय खूफिया एजेंसी RAW ने 2019 के पुलवामा पर हुए हमले के बाद इस तरह की 20 हत्याओं को अंजाम दिया है. रिपोर्ट, जिसमें पाकिस्तान द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूतों और सीमा के दोनों ओर के खुफिया अधिकारियों के साक्षात्कार का हवाला दिया गया है, ने यह भी दावा किया है कि दिल्ली ने "उन लोगों को निशाना बनाने की नीति लागू की है जिन्हें वह भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण मानता है".
इसमें पाकिस्तानी अधिकारियों का भी हवाला दिया गया है जिन्होंने हत्याओं के लिए संयुक्त अरब अमीरात में स्थापित भारतीय खुफिया विभाग के स्लीपर सेल पर आरोप लगाया है. रिपोर्ट में एक अनाम भारतीय अधिकारी का हवाला देते हुए कहा गया है कि देश ने इजरायल की मोसाद और रूस की केजीबी - खुफिया एजेंसियों से प्रेरणा ली है, जो विदेशी धरती पर न्यायेतर हत्याओं से और 2018 में की गई साउदी जर्नलिस्ट और जमाल खशोरी की हत्या से जुड़ी हैं.
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने हाल ही में कहा था कि अन्य देशों में टार्गेटिड किलिंग करना "भारत सरकार की नीति नहीं" है . द गार्जियन की रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय के इनकार का भी जिक्र किया गया है.
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