"हम एड हॉक आधार पर नियुक्ति करेंगे...", DERC चेयरमैन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा 

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी पर CJI ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि किसी को इसकी परवाह नहीं है कि संस्था का क्या होगा. लोग और संवैधानिक प्राधिकारी लड़ रहे हैं. 

सुप्रीम कोर्ट में डीईआरसी चेयरमैन नियुक्ति मामले पर हुई सुनवाई

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार बनाम एलीज DERC चेयरमैन मामले में गुरुवार को सुनवाई की. इस मामले की सुनवाई CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने की. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि हम कोर्ट के कहने पर ही एलजी के पास गए थे. हमने एलजी को तीन नाम भी दिए. हमने दो नाम और भी दिए. ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे को तय करे.  बता दें कि सुवनाई खत्म होने पर कोर्ट ने कहा कि हम एड हॉक आधार पर DERC चेयरमैन की नियुक्ति करेंगे.

सिंघवी ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार और एलजी के बच डीआरईसी के चेयरमैन की नियुक्ति के मुद्दे पर सहमति नहीं बनी. ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट को ही सबकुछ तय करना होगा. वहीं एलजी की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे ने कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला दे. दोनों पक्षों को सुनने के बाद CJI ने कहा कि हम इस तरह हम इस तरह DERC चेयरमैन नियुक्त नहीं कर सकते.

केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए SG तुषार मेहता ने कहा कि ये इलेक्ट्रिसिटी एक्ट का मामला है जो केंद्र के पास है. उन्होंने कहा कि जस्टिस उमेश कुमार को चेयरमैन के तौर पर जारी रखा जाए. वहीं, जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि हम ये देख रहे हैं कि अंतरिम व्यवस्था क्या की जाए . ऐसा इसलिए भी क्योंकि अध्यादेश मामले में एक दो महीने लग सकते हैं.

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और एलजी के बीच तनातनी पर CJI ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि किसी को इसकी परवाह नहीं है कि संस्था का क्या होगा. लोग और संवैधानिक प्राधिकारी लड़ रहे हैं. 

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हरीश साल्वे ने आगे कहा कि जस्टिस उमेश कुमार के शपथ लेने पर लगी रोक हटाइ जाए. इसपर CJI ने कहा कि हम प्रोटेम आधार पर मामला खत्म होने तक किसी को नियुक्त कर सकते हैं. सुनवाई के बाद दिल्ली सरकार ने कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा है. कोर्ट ने कहा कि हमें भी होमवर्क के लिए थोड़ा समय चाहिए.