विज्ञापन
This Article is From Mar 28, 2023

"ऐसे छात्रों को हम परीक्षा पास करने का देंगे मौका..", यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को सरकार ने दी राहत

केंद्र सरकार ने कोर्ट में साफ किया कि ऐसे छात्रों के पास फाइनल परीक्षा पास करने का ये आखिरी मौक़ा होगा. साथ सरकार सिर्फ यूक्रेन के मामले में ही छात्रों को ऐसी सुविधा देने वाली है.

"ऐसे छात्रों को हम परीक्षा पास करने का देंगे मौका..", यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को सरकार ने दी राहत
यूक्रेन से आए MBBS छात्रों को केंद्र सरकार ने दी राहत (प्रतीकात्मक चित्र)
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत देते हुए MBBS फाइनल की परीक्षा  (पार्ट 1 और पार्ट2) पास करने का मौका देने का फैसला किया है. मंगलवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने ये बात कही. हालांकि, केंद्र ने कोर्ट में कहा कि यूक्रेन से आए इन छात्रों को हम देश के किसी मेडिकल कॉलेज में दाखिला नहीं देंगे. इन छात्रों को एक साल के अंदर परीक्षा पास करनी होगी. ये परीक्षा भारतीय MBBS परीक्षा पैटर्न पर होगी.

सरकार ने कोर्ट में साफ किया कि ऐसे छात्रों के पास फाइनल परीक्षा पास करने का ये आखिरी मौक़ा होगा. साथ सरकार सिर्फ यूक्रेन के मामले में ही छात्रों को ऐसी सुविधा देने वाली है. इसलिए भविष्य में इसको आधार बनाकर आगे रियायत की मांग नहीं की जा सकती. 

गौरतलब है कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन (Ukraine) से निकाल कर भारत लाए गये भारतीय विद्यार्थियों ने देश में मेडिकल कॉलेज (Medical College) में दाखिले की मांग करते हुए प्रदर्शन (Protest) किया था. उन्होंने सरकार से अपील की थी कि अकादमिक साल के नुकसान से उन्हें बचाने के लिए एकबारगी उपाय के तौर पर उनका समायोजन किया जाए. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश , पंजाब, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश एवं राजस्थान से आये इन एमबीबीएस विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों ने यहां राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के बाहर प्रदर्शन किया. ‘पैरेंट्स एसोसिएशन ऑफ यूक्रेन मेडिकल स्टूडेंट्स' के बयान में कहा गया है, ‘‘ चूंकि सारे विद्यार्थी भावी डॉक्टर हैं, इसलिए ऑनलाइन शिक्षा उनके लिए अच्छा विकल्प है. हमारी मांग है कि सभी विद्यार्थियों को भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में समायोजित किया जाए. ''

एसोसएिशन के अध्यक्ष आर बी गुप्ता ने कहा था कि अपने बच्चों के समायोजन में मदद मांगने के लिए हम यहां इकट्ठा हुए हैं. मेरा बेटा द्वितीय वर्ष का विद्यार्थी है जो इवानो में पढ़ रहा है. हम बस सरकार से यह अनुरोध कर रहे हैं कि इन बच्चों को एकबारगी उपाय के तौर समायोजित किया जाए. '' इस बीच, कई विद्यार्थियों ने कहा कि उन्हें अपने भविष्य की चिंता है क्योंकि यूक्रेन में युद्ध अब भी चल रहा है.

एमबीबीएस के पांचवे वर्ष के एक विद्यार्थी ने नाम न बताने के अनुरोध पर कहा था कि हमें नहीं पता कि यह युद्ध कब खत्म होगा. हमारी पढाई-लिखाई प्रभावित हो रही है. हमारे माता-पिता ने इतने पैसे लगाये और कई ने तो कर्ज ले रखा है. यदि हम अपनी पढाई नहीं जारी रख पाए तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा. इसलिए सरकार को हमें समायोजित करना चाहिए.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com