अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir in Ayodhya) को लेकर छिड़ी चर्चा के बीच भाजपा ने बड़ा बयान दिया है. पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिंह राव ने कहा कि भाजपा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रतिबद्ध है और वह इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का इंतजार करेगी. राव ने कहा कि नेताओं के एक वर्ग की मंदिर पर एक अध्यादेश लाने की मांग थी. पार्टी लोगों की भावनाओं को समझती है. उन्होंने बताया, ‘‘जहां तक भगवान राम के लिए भव्य मंदिर के निर्माण का मुद्दा है तो हमारी पार्टी का रूख इस पर यथावत है. हम हमेशा से अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण के पक्ष में रहे हैं. यह देश के करोड़ों लोगों, हिन्दुओं की आकांक्षा और भावना है.'' राव ने कहा ‘‘हम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि यह अदालत के फैसले के माध्यम से हो या फिर समुदायों के बीच किसी तरह के समझौते के जरिये हो, जो अब तक तो नहीं हो पाया है''. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमें उच्चतम न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा करना होगा.'
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आपको बता दें कि पिछले दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि कुछ लोग राजनीति की वजह से जानबूझकर मंदिर मामले को आगे खींचते जा रहे हैं. मोहन भागवत ने कहा कि राम जन्म भूमि पर जल्द से जल्द राम मंदिर बनना चाहिए. सरकार को कानून बनाकर मंदिर निर्माण करना चाहिए. राम मंदिर का बनना गौरव की दृष्टि से आवश्यक है, मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा. राम मंदिर हिन्दू-मुसलमान का मसला नहीं है. यह भारत का प्रतीक है और जिस भी रास्ते से मंदिर निर्माण संभव है, मंदिर का निर्माण होना चाहिए. उनके इस बयान के बाद राम मंदिर का मामला और गर्मा गया. भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने भी इस मसले पर सरकार को चेताया है. (इनपुट- भाषा से भी)
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