मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार को केंद्र को भारत-म्यामार सीमा पर बाड़ लगाने से रोकने तथा मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को निरस्त करने से रोकने का अधिकार नहीं है. उन्होंने हालांकि कहा कि वह इसके खिलाफ हैं. केंद्रीय गृह मंत्री की घोषणा के कुछ घंटे बाद लालदुहोमा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मिजोरम में म्यामार के साथ सीमा पूर्ववर्ती ब्रिटिश शासन द्वारा ‘‘थोपी'' गई थी तथा सीमा के दोनों तरफ रह रहे मिजो लोग उसे स्वीकार नहीं करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘यदि केंद्र भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने एवं एफएमआर को निरस्त करने की अपनी योजना पर आगे बढ़ता है तो हमारे पास (उसे रोकने का) कोई अधिकार नहीं है और हम उसे रोक नहीं सकते हैं.''
लालदुहोमा ने कहा कि उनकी सरकार और राज्य के विभिन्न संगठन सीमा पर बाड़बंदी एवं एफएमआर के निरसन के विरुद्ध हैं क्योंकि मिजो का म्यामार के चिन समुदाय के लोगों के साथ जातीय नाता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में रह रहे मिजो ‘एकजुट होने का सपना देखते हैं और इस वर्तमान सीमा पर बाड़बंदी का कदम ब्रिटिश द्वारा ‘‘थोपी गई'' सीमा को मंजूरी देने के बराबर होगा.
उन्होंने कहा कि हाल की अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की थी और उन दोनों ने इस संबंध में उनकी अपील का विरोध नहीं किया.
शाह ने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में कहा था कि केंद्र भारत-म्यामार सीमा पर लोगों की स्वतंत्र आवाजाही बंद करेगा और वहां पूरी तरह बाड़ लगा देगा ताकि बांग्लादेश से सटी सीमा की तरह इसकी भी रक्षा की जा सके.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं