श्रीलंका के एक उच्च तकनीक वाले चीनी 'जासूसी' जहाज को अपने जल क्षेत्र में रुकने की अनुमति देने को लेकर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत किसी भी तरह की चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. श्रीलंका ने भारत की चिंताओं के बावजूद एक चीनी शोध जहाज युआन वांग 5 को 16 अगस्त से 22 अगस्त तक हंबनटोटा बंदरगाह पर लंगर डालने की इजाजत दी है.
बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सोनोवाल ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, "हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में किसी भी तरह की स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं."
कोलंबो बंदरगाह के आधार पर भारतीय मालवाहक जहाजों के बारे में एक अन्य प्रश्न के लिए, जो पूर्वी तट में एक ट्रांसशिपमेंट हब के रूप में काम करता है, उन्होंने कहा, "मंत्रालय भारतीय तटों पर एक ट्रांसशिपमेंट हब विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमने इसे पहले भी घोषित किया है."
चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील पालीवाल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, "भारत ने पहले ही चीनी जहाज से संबंधित मुद्दे पर कड़ा जवाब दिया और आगाह किया कि किसी देश की सुरक्षा स्थिति पर इस तरह चर्चा नहीं की जानी चाहिए."
देश भर के बंदरगाहों पर बुनियादी ढांचे के विकास पर, केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हमने पारादीप, विशाखापत्तनम और चेन्नई बंदरगाह में भी अपना बुनियादी ढांचा विकसित करना शुरू कर दिया है. हम तूतीकोरिन बंदरगाह में बुनियादी ढांचे को विकसित करने की भी योजना बना रहे हैं."
सोनोवाल ने कहा कि उनके मंत्रालय ने पारादीप बंदरगाह, विशाखापत्तनम और चेन्नई बंदरगाह में कम समय के भीतर एक नया मछली पकड़ने का बंदरगाह स्थापित करने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि हम पहले ही चेन्नई (पोर्ट ट्रस्ट) को मछली पकड़ने के बंदरगाह के लिए 99 करोड़ रुपये मंजूर कर चुके हैं.
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