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'मेरे पिता की मृत्यु हुई थी...', जब प्रियंका गांधी ने वायनाड में सुनाई मदर टेरेसा से मुलाकात की कहानी

प्रियंका गांधी ने बताया कि पिछले हफ्ते वो एक पूर्व सैनिक के घर गईं और उनकी बुजुर्ग मां से मुलाकात की. इससे उन्हें प्रेरणा मिली. सैनिक की मां ने सौभाग्य के लिए उनको एक माला भी दी.

'मेरे पिता की मृत्यु हुई थी...', जब प्रियंका गांधी ने वायनाड में सुनाई मदर टेरेसा से मुलाकात की कहानी
नई दिल्ली:

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) वाड्रा ने वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए सोमवार से अपने अभियान का आगाज किया. उन्होंने मीनांगडी में एक चुनावी रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मानवतावादी आइकन और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा (Mother Teresa) की स्मृतियों को याद किया. प्रियंका ने बताया कि कैसे वो उनके ट्रस्ट में सेवा के दौरान बाथरूम साफ करती थीं, बर्तन धोती थीं और बच्चों को थोड़ी-बहुत अंग्रेजी सिखाती थीं.

प्रियंका गांधी ने मदर टेरेसा की 1991 की यात्रा के बारे में जिक्र किया, जब उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. टेरेसा उनके घर आईं थीं और चैरिटिबल ट्रस्ट की दिल्ली इकाई के साथ काम करने का निमंत्रण दिया था.

कांग्रेस नेता ने कहा, "मैं तब 19 साल की थी, तब मेरे पिता की मौत हो गई थी और मदर टेरेसा मेरी मां (पूर्व कांग्रेस प्रमुख और अब राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी) से मिलने आई थीं. उस दिन मुझे बुखार था और मैं अपने कमरे में थी, लेकिन वो मुझसे मिलने आईं, मेरे सिर पर अपना हाथ रखा और मेरे हाथ में एक माला थमा दी."
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उन्होंने कहा, "मदर टेरेसा को शायद एहसास हुआ होगा कि जब से मेरे पिता की मृत्यु हुई है, मैं दुखी और परेशान हूं. उन्होंने मुझसे कहा कि तुम आओ और मेरे साथ काम करो. फिर, मैंने दिल्ली में मदर टेरेसा की बहनों के साथ काम भी किया."

"ये पहली बार है जब मैं इस बारे में सार्वजनिक रूप से बोल रही हूं, लेकिन ये एक कॉनटेक्स में है. ट्रस्ट में मेरा काम पढ़ाना था और मंगलवार को हम बाथरूम साफ करते थे, बर्तन धोते थे और बच्चों को बाहर ले जाते थे. उन्होंने जिस दर्द और परेशानी का सामना किया था, उनके साथ काम करके मैंने समझा कि सेवा करने का क्या मतलब है."

प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव

उन्होंने कहा, "तब मुझे पता चला कि एक कम्यूनिटी कैसे मदद कर सकती है."

कांग्रेस नेता ने साथ ही बताया कि कैसे पिछले हफ्ते वो एक पूर्व सैनिक के घर गईं और उनकी बुजुर्ग मां से मुलाकात की. इससे उन्हें प्रेरणा मिली. सैनिक की मां ने सौभाग्य के लिए उनको एक माला भी दी.

उन्होंने अपनी रैली में कहा, "अब मुझे समझ आने लगा है कि लोगों की ज़रूरतें क्या हैं. ये तो बस शुरुआत है. मैं आपसे मिलना चाहती हूं और आप सभी से सुनना चाहती हूं कि आपकी समस्याएं क्या हैं. साथ ही समझना चाहती हूं कि मेरी ज़िम्मेदारियां क्या-क्या हैं."

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प्रियंका ने अपने भाई राहुल गांधी का भी जिक्र किया, जिन्होंने अप्रैल-मई के आम चुनाव में वायनाड में जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में लगभग 60 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, लेकिन उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली में भी जीत हासिल करने के बाद जून में उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया था. ये सीट पहले सोनिया गांधी के पास थी.

प्रियंका गांधी ने कहा, "मुझे पता है आपमें से कई मेरे भाई के प्रति अपने प्यार के कारण मुझे सुनने आए हैं. मैं उसकी बहन हूं और मुझे पता है कि जब उन्होंने आपको छोड़ा था तो उसका दिल कितना भारी था. जब सभी ने उससे मुंह मोड़ लिया तो आपने उसे प्यार दिया. ये आप ही हैं, आपमें से हर एक, जिसने उसे साहस दिया, आप उसका परिवार हैं. "

वायनाड में 13 नवंबर को मतदान होगा. लगभग 50 अन्य विधानसभा और लोकसभा उपचुनाव अगले महीने होंगे, जिसमें झारखंड चुनाव का पहला चरण 13 नवंबर को और दूसरा 20 नवंबर को होगा और महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव हैं.

इन सभी चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
 

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