कर्नाटक में तालाबों का निर्माण कर जल संरक्षण कार्यों में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रशंसा अर्जित करने वाले कलमाने कामेगौड़ा का सोमवार को निधन हो गया. कामेगौड़ा वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे.
मांड्या में दसनादोड्डी के 82 वर्षीय विनम्र चरवाहे कामेगौड़ा को ''पॉन्ड मैन'' और ''वाटर वॉरियर'' के नाम से जाना जाता है. उन्हें अपनी खुद की बचत से मांड्या जिले के मालवल्ली तालुक में अपने गांव में एक बंजर पहाड़ी पर 16 तालाबों को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है. इसके अलावा कामेगौड़ा ने वहां पौधे लगाकर उनका पोषण भी किया.
कामेगौड़ा अपनी भेड़ों और बकरियों को चराने के लिए पास की पहाड़ी पर ले जाते थे. जानवरों के लिए पानी नहीं मिलने पर उन्होंने तालाब खोदना शुरू कर दिया. स्थानीय लोगों के मुताबिक, बारिश का पानी तालाबों में संरक्षित होने से भीषण गर्मी में भी यहां पानी की कमी नहीं होती.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में अपने 'मन की बात' में कामेगौड़ा के कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए उन्हें 'असाधारण व्यक्तित्व' कहा था. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कामेगौड़ा की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए उन्हें ''जल ऋषि' और 'आधुनिक भागीरथ' की संज्ञा दी है.
पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और राज्य की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष डी के शिवकुमार सहित अन्य लोगों ने भी कामेगौड़ा के निधन पर दुख व्यक्त किया है. कामेगौड़ा को उनके कार्यों के लिए राज्योत्सव सम्मान सहित कई पुरस्कारों से भी नवाजा गया था.
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