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This Article is From May 30, 2025

अब जमीन पर ही नहीं पानी पर भी चलेगी मेट्रो, 21 शहरों में है चलाने का प्लान

ये बड़ा सक्सेसफुल मॉडल है. ये मेट्रो रेल जैसे चलती है वैसे ही पानी के ऊपर चलती है. भारत सरकार इसे देश के अन्य इलाकों में भी चलाना चाहती है.

भारत में इनोवेशन हर तरफ जारी है. नये-नये तरीके आजमाये जा रहे हैं. अब मोदी सरकार एक नये प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. इसका नाम है वाटर मेट्रो प्रोजेक्ट. मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग चाहती है कि देश के 21 जगहों पर वाटर मेट्रो चले. ये मेट्रो वैसा ही होगा, जैसा आप सभी बड़ी शहरों में देखते हैं. बस अंतर ये होगा कि ये पानी पर चलेंगे. एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए इनका उपयोग किया जाएगा. ये देशवासियों के लिए एक नया अनुभव होगा. अभी कोच्चि में वाटर मेट्रो चल रहा है और महज दो सालों में ही 40 लाख लोग इससे यात्रा कर चुके हैं.   

कोच्चि वाटर मेट्रो के एमडी लोकनाथ बेहरा ने एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि वाटर मेट्रो अभी ऑपरेशनलाइज कर दिया गया है. ये बड़ा सक्सेसफुल मॉडल है. ये मेट्रो रेल जैसे चलती है वैसे ही पानी के ऊपर चलती है. भारत सरकार इसे देश के अन्य इलाकों में भी चलाना चाहती है. इसके लिए 21 जगहों का चयन किया गया है. यहां वाटर मेट्रो शुरू करने के लिए हम फीजिबिलिटी स्टडी कर रहे हैं. वॉटर मेट्रो सामान्य मेट्रो रेल से सस्ती और ज्यादा सस्टेनेबल है.


कहां-कहां चलेगी वाटर मेट्रो

लोकनाथ बेहरा ने बताया कि गोवा, कोलकाता, गुवाहाटी, वाराणसी, अयोध्या, लक्षद्वीप,अंडमान, अहमदाबाद, श्रीनगर जैसी जगहों पर अगर फीजिबल है तो वहां भी कोच्चि जैसा वाटर मेट्रो चलाया जा सकता है. अभी मुंबई की फीजिबिलिटी स्टडी कर ली गई है. इसके बाद डीपीआर लिखा जाएगा और प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंट होना शुरू होगा.

कब तक चलने लगेगी वाटर मेट्रो

बेहरा ने बताया कि ये हर उस जगह चलाया जा सकता है, जहां पानी एक लंबी दूरी को कवर करती है. ये मेट्रो रेल से सस्ता भी है. कोच्चि में हम दो साल के अंदर 4 मिलियन लोग इसके सफर का आनंद ले चुके हैं. तीन-चार साल के अंदर आप देश के कई अन्य इलाकों में भी कोच्चि की तरह वाटर मेट्रो देख सकेंगे.

अभी कोच्चि में 20 बोट हैं. हमारा लक्ष्य 78 का है. कोच्चि शिपयार्ड में ये बन रहे हैं. एक साल में 4-5 ही बन पा रहे हैं, क्योंकि ये बहुत ही टेक्निकल बोट्स होते हैं. हालांकि, जब बड़े स्तर पर इनकी जरूरत होगी तो अन्य शिपयार्ड में भी इन बोट्स का निर्माण होने लगेगा. मिनिस्ट्री ऑफ शिपिंग इस काम पर नजर बनाए हुए है.
 

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