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This Article is From Feb 10, 2021

सरकार और ट्विटर के बीच जुबानी जंग तेज, सरकारी विभागों ने घरेलू माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Koo पर खोला अकाउंट

भारत सरकार और ट्विटर के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. ट्विटर को संदेश देने के लिए सरकार ने कू का इस्तेमाल किया है.

सरकार और ट्विटर के बीच जुबानी जंग तेज, सरकारी विभागों ने घरेलू माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट Koo पर खोला अकाउंट
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:

भारत सरकार और ट्विटर (Twitter) के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. ट्विटर को संदेश देने के लिए सरकार ने कू का इस्तेमाल किया है.कू सोशल मीडिया (social media) का नया प्लैटफॉर्म है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय तथा कुछ अन्य सरकारी विभागों ने घरेलू माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट कू पर अपने अकाउंट बनाए हैं.कू पर ही इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने लिखा कि सरकार ने ट्विटर इंडिया से  कहा है कि उन्हें यहां के क़ानूनों के तहत काम करना होगा.अगर वे इसे चुनौती देना चाहते हैं तो किसी भी अदालत में जा सकते हैं.अभी तक ट्विटर ने किसी भारतीय अदालत का दरवाज़ा नहीं खटखटाया है.


इसके पहले एक ब्लॉग में ट्विटर ने लिखा था कि खुले इंटरनेट और आज़ाद अभिव्यक्ति पर ख़तरे बढ़े हैं.उसने सरकार के नोटिस के बाद उठाए गए क़दमों की जानकारी भी दी थी. ट्विटर ने लिखा था कि नुक़सानदेह सामग्री वाले हैशटैग की पहुंच सीमित की गयी और उन्हें ट्रेंड करने से रोका गया 500 से ज़्यादा अकाउंट पर कार्रवाई की गयी कुछ को स्थायी तौर पर बंद किया गया.

इस बीच कई केंद्रीय मंत्री भारतीय ऐप कूप का इस्तेमाल कर रहे हैं और लोगों को वहीं आने को कह रहे हैं. कू ने कहा कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, माई गॉव, डिजिटल इंडिया, इंडिया पोस्ट, नेशनलल इनफार्मेटिक्स सेंटर (एनआईसी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉली, कॉमन सर्विस सेंटर, उमंग ऐप, डिजी लॉकर, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ इंडिया, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के हैंडल का सत्यापन किया है.
कू ने एक बयान में कहा, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के कुछ प्रमुख संगठनों ने भारत के अपने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट कू पर अपने खाते खोले हैं.

यह कदम ट्विटर के खिलाफ एक रणनीतिक प्रतिक्रिया है. ट्विटर ने 257 ट्वीट और ट्विटर खातों को प्रतिबंधित करने के सरकार के निर्देश का अनुपालन नहीं किया. इनके जरिये किसान नरसंहार से जुड़े ट्वीट किये गये.''इस ऐप को 10 महीने पर पहले शुरू किया गया था और इसने भारत सरकार द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर ऐप प्रतिस्पर्धा जीती है.

(इनपुट भाषा से भी)

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