वक्फ बोर्ड संशोधन बिल की समीक्षा (Waqf Board Bill) के लिए बनाई गई संसद की संयुक्त समिति जल्द ही अपना काम शुरू करने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक समिति की पहली बैठक अगले हफ़्ते बुलाई जा सकती है. समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए अगले संसद सत्र के पहले हफ़्ते तक का समय दिया गया है. यह बिल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था, जिस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था.
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जल्द शुरू होगा वक्फ समिति का काम
लोकसभा सचिवालय की तरफ़ से समिति के गठन का नोटिफिकेशन मंगलवार को जारी किया गया था. नोटिफिकेशन के मुताबिक बीजेपी के वरिष्ठ सांसद जगदंबिका पाल को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, समिति जल्द से जल्द अपना काम शुरू करना चाहती है और इसलिए अगले हफ़्ते पहली बैठक बुलाए जाने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक पहली बैठक में वक्फ बिल की समीक्षा के लिए समिति की योजना के बारे में प्राथमिक चर्चा होने की संभावना है.
वक्फ समिति में किस दल के कितने सदस्य?
समिति के गठन का ऐलान हाल ही ख़त्म हुए संसद सत्र में किया गया था, ताकि इससे जुड़े सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा हो सके. ये तय है कि अपनी समीक्षा के दौरान समिति इसके कानूनी और सामाजिक समेत तमाम पहलुओं पर चर्चा करेगी. इसके लिए सभी स्टेकहोल्डर्स से उनकी राय भी ली जाएगी. इस समिति में कुल 31 सदस्य हैं, जिसमें 21 सदस्य लोकसभा के जबकि 10 सदस्य राज्यसभा से बनाए गए हैं. इसमें सबसे ज़्यादा 10 सदस्य सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के हैं, जिसमें अध्यक्ष जगदंबिका पाल के अलावा निशिकांत दुबे , अपराजिता सारंगी , संजय जायसवाल और बृजलाल शामिल हैं. इसके अलावा गौरव गोगोई , इमरान मसूद और नसीर हुसैन समेत कांग्रेस के 4 सदस्य भी इस समिति के सदस्य हैं. असदुद्दीन ओवैसी समेत अलग अलग दलों के 8 मुस्लिम सांसद भी समिति में सदस्य बनाए गए हैं.
बहुमत के लिहाज से समिति में एनडीए का पलड़ा थोड़ा सा भारी नजर आ रहा है. 31 सदस्यों की समिति में अध्यक्ष जगदंबिका पाल समेत एनडीए के कुल 16 सदस्य हैं,जिनमें बीजेपी के 10 सदस्य हैं. वहीं इंडिया गठबंधन की पार्टियों के कुल 14 सांसद सदस्य बनाए गए हैं. वाईएसआर कांग्रेस के सांसद विजय साई रेड्डी का रुख़ क्या होगा ये अभी स्पष्ट नहीं है.
वोटिंग हुई तो क्या होगा?
अगर किसी मसले पर समिति में वोटिंग की नौबत आई और विजय साई रेड्डी ने इंडिया गठबंधन का पक्ष लिया तो वोटिंग 15-15 से टाई हो जाएगी. ऐसे हालात में अध्यक्ष जगदंबिका पाल को अपने वोट का इस्तेमाल करना पड़ सकता है. नियम के मुताबिक वोटिंग के टाई होने की स्थिति में ही अध्यक्ष वोटिंग कर सकता है. इसके उलट अगर विजय साई रेड्डी ने एनडीए का समर्थन किया तो परिणाम 16-14 से एनडीए के पक्ष में जाएगा और अध्यक्ष को वोट करने की जरूरत ही हीं होगी.
वक्फ संशोधन बिल पर बवाल क्यों?
8 अगस्त को पेश हुए बिल में देशभर के वक्फ बोर्डों के कामकाज में बदलाव का प्रावधान किया गया है. बिल में वक्फ संपत्ति के निर्धारण के तरीके में बदलाव , मौजूदा वक्फ संपत्तियों की जांच और वक्फ बोर्डों के गठन में महिलाओं और गैर मुसलमानों के अलावा बोहरा और आगा खानी समुदाय की भागीदारी जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसी संस्था ने बिल का विरोध किया है. कांग्रेस , टीएमसी और एनसीपी समेत इंडिया गठबंधन की तमाम पार्टियों ने भी बिल का जमकर विरोध किया है.
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