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वक्फ बिल का विरोध : मौलाना बदरुद्दीन अजमल का चौंकाने वाला दावा, वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना है संसद भवन

आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों को वक्फ बिल की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति का बहिष्कार करना चाहिए.

वक्फ बिल का विरोध : मौलाना बदरुद्दीन अजमल का चौंकाने वाला दावा, वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना है संसद भवन
आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल वक्फ बिल का विरोध कर रहे हैं.
गुवाहाटी:

आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल (Maulana Badruddin Ajmal) ने प्रस्तावित वक्फ बिल की आलोचना की है. अजमल ने एक बयान में वक्फ बिल (Waqf Bill) को लेकर कड़ा विरोध जताया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक दलों को बिल की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का बहिष्कार करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि देश का नवनिर्मित संसद भवन (Parliament Building) भी वक्फ बोर्ड की जमीन पर बना है.  

अजमल ने कहा कि, ''सभी सेक्युलर पार्टिंयां वक्फ बिल का विरोध कर रही हैं. दो दिन में दो बैठकें हो चुकी हैं. सारे धर्मनिरपेक्ष दलों के सांसदों ने जेपीसी की बहिष्कार किया है.'' उन्होंने कहा कि, ''जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल एक कम्युनल आदमी हैं, उनके साथ हमको न्याय नहीं मिलेगा.''    

बदरुद्दीन अजमल के अनुसार, ''पांच करोड़ लोगों ने समिति को संदेश भेजे हैं, जिसमें विधेयक का बहिष्कार करने का आग्रह किया गया है. यह व्यापक असंतोष को दर्शाता है.'' उन्होंने कहा कि, ''हमारी जमीयत उलेमा-ए-हिंद इस मामले में अब तक चुप थी लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि गवर्नमेंट की नीयत खराब है. हमारे पास हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट बाकी है. न्यायालय से हमको इंसाफ मिलेगा. हम लोगों ने जमीयत की एक कमेटी बना दी है, वह फॉलोअप करेगी.'' अजमल ने यह भी घोषणा की है कि, ''जमीयत उलेमा-ए-हिंद बिल को चुनौती देगा और असम में वक्फ बोर्ड की जमीनों का सर्वेक्षण करेगा.'' 

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उन्होंने आगे एक ऐसा दावा भी किया जो कि विवादास्पद हो सकता है. उन्होंने कहा कि, ''भारत में नवनिर्मित संसद भवन वक्फ की जमीन पर बना है.'' अजमल के इस दावे से प्रस्तावित कानून को लेकर चल रही बहस में और गर्मी आ गई है.

राजनीतिक और कानूनी क्षेत्रों में वक्फ बिल पर चर्चा जारी है. इस बिल को लेकर धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष समूहों का विरोध तेज होने की संभावना है.

आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट केस नेता मौलाना बदरुद्दीन अजमल कासमी पूर्व संसद हैं. वे असम की धुबरी लोकसभा सीट से लगातार तीन बार 2009, 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में जीते थे. बदरुद्दीन अजमल असम के जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के प्रमुख भी हैं.

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