डॉ अरुण कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के कापसहेड़ा इलाके के उप्पल होटल में रविवार तड़के कमरा नंबर 234 में एक शव मिलने से सनसनी फैल गई। जांच के बाद पता चला कि मृतक जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरुण शर्मा हैं।
हालांकि पुलिस इसे सामान्य मौत बता रही है, लेकिन जब पता चला कि शर्मा व्यापमं घोटाले की जांच से जुड़े थे, तो पुलिस के आला अधिकारी ख़ुद मौके पर पहुंच गए।
पुलिस के मुताबिक डॉ. अरुण शर्मा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देश पर अगरतला मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए जा रहे थे। वह एयरपोर्ट से अकेले शनिवार की शाम क़रीब 4:30 बजे होटल पहुंचे और शाम क़रीब 7:30 बजे डिनर के लिए वह होटल के रेस्त्रां में आए। होटल के स्टाफ़ से सुबह 4:30 बजे जगाने कहा, लेकिन सुबह जब होटल स्टाफ़ ने कमरे का दरवाज़ा खटखटाया, तो दरवाज़ा नहीं खुला। जब दूसरी चाबी से कमरा खोला गया, तो डॉ. अरुण का शव बरामद हुआ। शव पर बाहरी चोट के निशान नहीं थे। पुलिस के मुताबिक, कमरे से शराब की एक लगभग खाली बोतल और कुछ दवाइयां मिलीं।
ज्वाइंट कमिश्नर दीपेंद्र पाठक मुताबिक, शर्मा डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन से पीड़ित थे और अभी तक की जांच में यह मामला सामान्य मौत का ही लग रहा है। हालांकि पुलिस की एक टीम मामले की जांच में लगी हुई है और तह तक जाएगी।
इस बीच आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सुधीर तिवारी ने मौत पर शक जताते हुए बताया कि उन्हें एक शख्स ने बताया है कि दो दिन पहले ही अरुण शर्मा ने व्यापमं मामले की जांच कर रही एसआईटी को 200 दस्तावेज़ सौंपे थे। तिवारी ने कहा कि यहां हर किसी की जान को खतरा है और वह भी डरे हुए हैं।
वहीं अरुण शर्मा के भाई कर्नल एमके शर्मा ने कहा कि फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। एक बार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाए उसके बाद भी इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।
डॉ. अरुण शर्मा के पिता एनके शर्मा मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष, सांसद और गृहमंत्री रहे हैं। हैरानी की बात ये है अरुण शर्मा से पहले जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन रहे डीके साकाले की भी ठीक साल भर पहले संदिग्ध तरीके से मौत हो गई थी।
हालांकि पुलिस इसे सामान्य मौत बता रही है, लेकिन जब पता चला कि शर्मा व्यापमं घोटाले की जांच से जुड़े थे, तो पुलिस के आला अधिकारी ख़ुद मौके पर पहुंच गए।
पुलिस के मुताबिक डॉ. अरुण शर्मा मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देश पर अगरतला मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए जा रहे थे। वह एयरपोर्ट से अकेले शनिवार की शाम क़रीब 4:30 बजे होटल पहुंचे और शाम क़रीब 7:30 बजे डिनर के लिए वह होटल के रेस्त्रां में आए। होटल के स्टाफ़ से सुबह 4:30 बजे जगाने कहा, लेकिन सुबह जब होटल स्टाफ़ ने कमरे का दरवाज़ा खटखटाया, तो दरवाज़ा नहीं खुला। जब दूसरी चाबी से कमरा खोला गया, तो डॉ. अरुण का शव बरामद हुआ। शव पर बाहरी चोट के निशान नहीं थे। पुलिस के मुताबिक, कमरे से शराब की एक लगभग खाली बोतल और कुछ दवाइयां मिलीं।
ज्वाइंट कमिश्नर दीपेंद्र पाठक मुताबिक, शर्मा डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन से पीड़ित थे और अभी तक की जांच में यह मामला सामान्य मौत का ही लग रहा है। हालांकि पुलिस की एक टीम मामले की जांच में लगी हुई है और तह तक जाएगी।
इस बीच आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सुधीर तिवारी ने मौत पर शक जताते हुए बताया कि उन्हें एक शख्स ने बताया है कि दो दिन पहले ही अरुण शर्मा ने व्यापमं मामले की जांच कर रही एसआईटी को 200 दस्तावेज़ सौंपे थे। तिवारी ने कहा कि यहां हर किसी की जान को खतरा है और वह भी डरे हुए हैं।
वहीं अरुण शर्मा के भाई कर्नल एमके शर्मा ने कहा कि फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। एक बार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाए उसके बाद भी इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।
डॉ. अरुण शर्मा के पिता एनके शर्मा मध्य प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष, सांसद और गृहमंत्री रहे हैं। हैरानी की बात ये है अरुण शर्मा से पहले जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन रहे डीके साकाले की भी ठीक साल भर पहले संदिग्ध तरीके से मौत हो गई थी।
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