उत्तर प्रदेश की मैनपुरी लोकसभा सीट और रामपुर व खतौली विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए मतदान जारी है. इन उपचुनावों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) व राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने इन उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं.परिणामों की घोषणा आगामी आठ दिसंबर को की जाएगी.
इन उपचुनाव में कुल 24 लाख 43 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे. इनमें 13 लाख 14 हजार पुरुष, 11 लाख 29 हजार महिला तथा 132 अन्य श्रेणी के मतदाता शामिल हैं. उपचुनाव के लिए 1945 मतदान केन्द्र और 3062 मतदेय स्थल बनाए गए हैं. चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान को स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए व्यापक सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं.
मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण रिक्त हुई है. वहीं, रामपुर सदर विधानसभा सीट आजम खां को नफरत भरा भाषण देने के मामले में तीन साल की सजा सुनाए जाने और खतौली सीट बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों से जुड़े एक मामले में दो साल की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी सदस्यता रद्द होने के चलते रिक्त हुई है.
मैनपुरी लोकसभा और रामपुर सदर विधानसभा क्षेत्र अरसे से समाजवादी पार्टी के गढ़ रहे हैं. लिहाजा, उसके लिए यह उपचुनाव दूरगामी संदेश लेकर आएंगे.
हालांकि, इन उपचुनावों का केंद्र और प्रदेश की बीजेपी सरकारों पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि दोनों ही जगह बीजेपी का पूर्ण बहुमत से ज्यादा का संख्या बल है. मगर इन उपचुनाव में हार-जीत का मनोवैज्ञानिक असर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव पर पड़ सकता है.
चुनाव आयोग के मुताबिक मैनपुरी में जहां छह उम्मीदवार मैदान में हैं. वहीं, रामपुर में सदर में 10 तथा खतौली में 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव की बड़ी बहू और सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं. वहीं, बीजेपी की तरफ से रघुराज सिंह शाक्य चुनाव लड़ रहे हैं. शाक्य कभी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव के करीबी सहयोगी थे. इस साल के शुरू में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थाम लिया था.
रामपुर सदर सीट पर आजम खां के करीबी आसिम राजा को सपा का प्रत्याशी बनाया गया है जबकि बीजेपी ने पूर्व विधायक शिव बहादुर सक्सेना के बेटे आकाश सक्सेना को एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा है. खतौली सीट पर निवर्तमान विधायक विक्रम सिंह सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं जबकि सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने मदन भैया को प्रत्याशी बनाया है.
इन उपचुनावों में प्रचार में सपा और बीजेपी दोनों नहीं अपनी पूरी ताकत झोंकी. बीजेपी की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य तथा बृजेश पाठक और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रचार किया जबकि इस साल जून में आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव के दौरान प्रचार में शामिल नहीं हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी में उप चुनाव प्रचार की कमान संभाली. साथ ही रामपुर सदर क्षेत्र में सपा उम्मीदवार आसिम राजा के पक्ष में आजम खान और दलित नेता चंद्रशेखर आजाद के साथ एक संयुक्त रैली भी की.
राष्ट्रीय लोक दल अध्यक्ष जयंत चौधरी अपने उम्मीदवार के समर्थन में खतौली क्षेत्र में ही रहे मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में अरसे बाद पूरा यादव परिवार एक साथ नजर आया. इस दौरान आपसी तनातनी को भुलाकर अखिलेश ने कई बार अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव के सार्वजनिक मंच पर पैर छुए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिवपाल यादव की आलोचना करते हुए पेंडुलम और फुटबॉल से उनकी तुलना की. दूसरी ओर आजम खां ने खुद पर हो रहे 'जुल्म' की दुहाई देते हुए जनता से वोट मांगे.
वोटिंग से एक दिन पहले समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर शराब और पैसा बांटने का आरोप लगाया है. समाजवादी पार्टी ने कहा है कि वह इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेगी.
समाजवादी पार्टी के दिवगंत नेता मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उनकी पुत्रवधु और सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ रही हैं. उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि, ''होटल पाम, स्टेशन रोड, मैनपुरी में सैकड़ों की संख्या में भाजपा नेता, कार्यकर्ता इकट्ठे होकर निरंतर शराब और पैसा बंटवा रहे हैं. मामले का संज्ञान ले चुनाव आयोग.''
समाजवादी पार्टी ने कहा है कि उसका डेलीगेशन इसकी चुनाव आयोग से शिकायत करेगा. मैनपुरी और रामपुर के जिला प्रशासन से शिकायत की जाएगी. पार्टी ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल चुनाव आयोग जाएंगे. सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और विधायक भी उनके साथ मौजूद रहेंगे. इस मुद्दे को लेकर सपा विधायक धरने पर भी बैठ सकते हैं.
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