- कांग्रेस लंबे समय से वोट चोरी और चुनावी प्रक्रिया में अनियमितताओं का मुद्दा उठाती आ रही है.
- लेकिन कांग्रेस के वोट चोरी के मुद्दे से अब उसके सहयोगी ही खुद को अलग कर रहे है.
- जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वोट चोरी कांग्रेस का मुद्दा बताते हुए खुद को उससे अलग किया है.
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस लंबे समय से वोट चोरी का मुद्दा उठा रही है. लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी कई बार प्रेस कॉफ्रेंस कर निर्वाचन आयोग और चुनावी प्रक्रिया पर कई सवाल उठा चुके हैं. पिछले सप्ताह लोकसभा में SIR और वोट चोरी को लेकर लंबी बहस भी हुई थी. विपक्ष के सवालों का जवाब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया था. लेकिन सदन में हुई बहस के बाद भी कांग्रेस वोट चोरी के मुद्दे पर आगे बढ़ती हुई नजर आ रही है. रविवार को वोट चोरी के मुद्दे पर दिल्ली के रामलीला मैदान राहुल गांधी के नेतृत्व में बड़ी रैली हुई थी. लेकिन वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस के सहयोगी दल अलग राय रख रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस द्वारा उठाए गए 'वोट चोरी' के मुद्दे से सोमवार को खुद को अलग कर लिया और कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” का इससे कोई लेना-देना नहीं है.”
दिल्ली में कांग्रेस ने की 'वोट चोर गद्दी छोड़ रैली'
इससे एक दिन पहले कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने राष्ट्रीय राजधानी में 'वोट चोर गद्दी छोड़' रैली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयुक्तों पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि 'वोट चोरी' सत्ताधारी पार्टी के DNA में है और उसके नेता 'गद्दार' हैं जो लोगों के मतदान के अधिकार को छीनने की साजिश रच रहे हैं और उन्हें सत्ता से हटाया जाना चाहिए.
अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (‘इंडिया') गठबंधन में एक घटक है. लोकसभा में विपक्षी सांसदों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है.
VIDEO | Srinagar: “‘Vote chori' issue is raised by the Congress; the INDIA bloc has nothing to do with it,” says J&K CM Omar Abdullah.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 15, 2025
(Full VIDEO available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/kCV3sRqymN
वोट चोरी कांग्रेस का मुद्दाः उमर अब्दुल्ला
कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे “वोट चोरी” और कथित चुनावी अनियमितताओं के मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए कहे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, “‘इंडिया' गठबंधन का इससे कोई लेना-देना नहीं है. हर राजनीतिक दल को अपना एजेंडा तय करने की स्वतंत्रता है. कांग्रेस ने 'वोट चोरी' और एसआईआर (मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण) को अपना मुख्य मुद्दा बनाया है. हम उन्हें कुछ कहने वाले कौन होते हैं?”
कांग्रेस का दावा- वोट चोरी के खिलाफ 6 करोड़ हस्ताक्षर
दूसरी ओर कांग्रेस ने दावा किया है कि उसने 'वोट चोरी' के खिलाफ लगभग छह करोड़ हस्ताक्षर एकत्र किए हैं और वह इन्हें भारत के राष्ट्रपति को सौंपेगी. अब देखना है कि वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस से अलग राय रखने वाली नेशनल कॉफ्रेंस का अगला रुख क्या होता है? क्या अब्दुल्ला की देखरेख में दूसरे विपक्षी नेता भी वोट चोरी के मुद्दे पर कांग्रेस से अलग राय रखेंगे.
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