बिहार सरकार में मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में केके पाठक अपने विभाग में मीटिंग कर रहे हैं. तमाम अधिकारी बैठे हुए हैं, लेकिन तभी केके पाठक गुस्सा हो जाते हैं. वह बिहार के अधिकारियों को अनाप-शनाप बोलने लगते हैं. यहां तक कि केके पाठक गाली-गलौज पर उतर आते हैं. केके पाठक सिर्फ अधिकारियों पर ही गुस्सा नहीं उतारते हैं, बल्कि बिहार के लोगों पर भी गुस्सा उतारते हैं. कहते हैं कि बिहार के लोग रेड लाइट पर भी हॉर्न बजाते हैं. केके पाठक गाली देकर कहते हैं कि कभी देखे हो, चेन्नई में लालबत्ती पर हॉर्न बजाते हुए. यहां के लोगों को कोई समझ नहीं है. केके पाठक ने एक डिप्टी कलेक्टर को गाली देते हुए कहा कि यहां के अधिकारी भी वैसे ही हैं. एक अधिकारी को निर्देश देते हुए कहते हैं कि मुझे लिख कर दो कि मैं मां-बहन एक करता हूं. वीडियो में एक अधिकारी माफी मांगता हुआ दिखता है, लेकिन केके पाठक हैं कि बिहार का एडमिस्ट्रेशन बेकार है.
केके पाठक ने रखा अपना पक्ष
इस मामले पर एनडीटीवी से केके पाठक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अधिकारियों के साथ कुछ मुद्दा था. हां, बैठक में मैंने अपना आपा खोया, लेकिन किसी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं है.
बासा ने की जल्द बर्खास्त करने की मांग
वीडियो वायरल होने के बाद बिहार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन (बासा) के अध्यक्ष सुनील तिवारी ने कड़ा रिएक्शन दिया है. सुनील तिवारी ने कहा कि केके पाठक को सरकार जल्द से जल्द बर्खास्त करे. वह विक्षिप्त हो गए हैं. सुनील तिवारी ने कहा कि यह मद्य निषेध विभाग के सचिव होने के साथ-साथ विपार्ड के भी प्रभार पर हैं और ट्रेनिंग के दौरान यह बिहार के अधिकारियों को परेशान करते हैं. इस दरमियान एक अधिकारी की मौत भी हो चुकी है. हम लोग लगातार इस मसले को उठाते रहे हैं कि यह बहुत ही गंदे तरीके से बातचीत करते हैं और मानसिक तनाव देते हैं. इस वीडियो को लेकर हमारे तमाम अधिकारी गुस्से में हैं. हम इस पर जल्द से जल्द एक्शन लेने वाले हैं. फिलहाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मुख्य सचिव से आग्रह है कि इन पर एक्शन लिया जाए. नहीं तो बिहार एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन इस पर आगे निर्णय लेने को बाध्य होगा नहीं तो, हम लोगों को सड़क पर उतरना होगा.
गाली देने की इजाजत न तो कानून देता है और न ही समाज : बीजेपी सांसद
बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि देखिए, मैं जहां तक केके पाठक के बारे में जानता हूं, वह ईमानदार अफसर हैं. लेकिन यह भी उचित नहीं है कि आप किसी को अपमानित करें या किसी को गाली दें. अगर कोई अधिकारी काम नहीं करता है तो उसके लिए कानून बना हुआ है. कानून के अंतर्गत उसको दंडित कर सकते हैं या उसको काम करने के लिए कह सकते हैं, पर किसी को मां-बहन की गाली देने की इजाजत न तो कानून देता है और न ही समाज. ऐसे बड़े और जिम्मेदार पद पर रहने वाले लोगों को इस विषय में जरूरी सोचना चाहिए कि शब्दों का इस्तेमाल कैसे और क्यों करें. किन परिस्थितियों में क्या करना चाहिए. कुल मिलाकर यही कहूंगा कि ऐसा व्यवहार और ऐसा आचरण किसी को नहीं करना चाहिए.
उनको दिमागी जांच कराना चाहिए : कांग्रेस
मद्य निषेध विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक का वायरल वीडियो पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि उनको दिमागी जांच कराना चाहिए. सरकार को भी उनका दिमागी जांच कराना चाहिए. मुख्यमंत्री इस मामले को देखेंगे. इस पर उनको जरूर कार्रवाई करनी चाहिए. संतुलित दिमाग का कोई भी आदमी ऐसी बात नहीं कर सकता है, मैं इतनी ही बात कहूंगा.
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